Sawan Month 2022: सावन माह का हर दिन है फलदायी, इस विधि से पूजा करने पर भोलेनाथ देते है मनवांछित फल

Sawan Somwar Vrat 2022: इस साल सावन का महीना 12 जुलाई से शुरू होगा जो 12 अगस्त तक चलेगा। सावन का महीना भगवान शिव के भक्तों के लिए खास महीना माना जाता है। इस दिन भगवान शिव के भक्त पूरी श्रद्धा से भगवान शिव में लीन हो जाते हैं।

Sawan Month 2022
sawan 2022  |  तस्वीर साभार: Instagram
मुख्य बातें
  • सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है
  • सावन माह में विधि विधान के साथ भोले भगवान की पूजा अर्चना की जाती है
  • सावन का महीना श्रावण मास के नाम से भी जाना जाता है

Sawan Somwar Vrat Upay: सावन का महीना भगवान भोलेनाथ के लिए अति प्रिय महीना माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल 14 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो रहा है। यह महीना शिव भक्तों के लिए सबसे खास होता है। सावन के महीने में शिव भक्त भगवान शिव की आराधना में लीन हो जाते हैं। सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है। इस महीने पूरे विधि विधान के साथ भोले भगवान की पूजा अर्चना की जाए तो भगवान शिव प्रसन्न होकर व्यक्ति को मनवांछित फल देते हैं। सावन का महीना श्रावण मास के नाम से भी जाना जाता है। सावन का महीना 12 अगस्त तक रहेगा। सावन माह का हर दिन फलदाई माना जाता है। हर दिन विधि विधान से पूजा करने पर भोले भंडारी प्रसन्न हो जाते हैं। आइए जानते हैं सावन के महीने में हर दिन भगवान शिव की उपासना कैसे करें।

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हर सोमवार का व्रत है फलदायी

सावन में कुल चार सोमवार व्रत पड़ेंगे। सावन का पहला सोमवार 18 जुलाई को होगा। इसके बाद दूसरा सोमवार 25 जुलाई को। तीसरा सोमवार 01 अगस्त को और चौथा व आखिरी 08 अगस्त को पड़ेगा। सावन के सोमवार में शिव स्तुति व मंत्र जाप का खास महत्व है। इन सभी सोमवार के दिन महादेव की आराधना से शिव और शक्ति दोनों प्रसन्न होते हैं। भगवान शिव की कृपा से सभी दोष, रोग व सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है। भगवान शिव की मन से पूजा आराधना करने से व्यक्ति को आर्थिक संकट से छुटकारा मिलता है और निसंतान को संतान की प्राप्ति होती है। इसके अलावा कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है। सावन के पहले सोमवार को महामायाधारी भगवान शिव की आराधना की जाती है। दूसरे सोमवार को महाकालेश्वर शिव की विशेष पूजा करने का विधान है।  सावन की तृतीय सोमवार को अर्द्धनारीश्वर शिव का पूजन किया जाता है जबिक  चौथे सोमवार को तंत्रेश्वर शिव की विशेष पूजा की जाती है।

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ऐसे करें पूजा

सावन के महीने में नियमित रूप से हर दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े पहनें। इसके बाद मंदिर में भगवान शिव के सामने देसी घी का दीपक जलाएं। सभी देवी-देवताओं का जलाभिषेक करें। दूध और गंगाजल से शिवलिंग को स्नान कराएं। भगवान शिव को फल और फूल अर्पित करें। इसके अलावा भगवान भोलेनाथ को बेल पत्र जरूर अर्पित करें। फिर उनकी गणेश वंदना के बाध भगवान शिव की आरती करें।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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