Shiv Ji Ki Aarti: सावन शिवरात्रि पर शिव पूजन में पढे़ें 'ॐ जय शिव ओंकारा स्वामी जय शिव ओंकारा' आरती, देखें यहां

Sawan Shivratri 2022 Shiv Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi (ओम जय शिव ओंकारा): आज भगवान शिव को समर्पित सावन शिवरात्रि का व्रत रखा जा रहा है। सावन शिवरात्रि की पूजा का अंत हमेशा शिव जी की आरती से करना चाहिए। यहां देखें पूजा के लिए भोलेनाथ की यह प्रसिद्ध आरती। 

Sawan Shivratri 2022 Shiv Ki Aarti Lyrics In Hindi, Om Jai Shiv Omkara Aarti
Shiv Ji Ki Aarti Hindi Mein (Pic: iStock) 
मुख्य बातें
  • आज यानी 26 जुलाई को रखा जा रहा है सावण शिवरात्रि का व्रत।
  • सावन शिवरात्रि पर विधि अनुसार की जाती है भोलेनाथ की पूजा।
  • शिवजी की आरती से करें सावन शिवरात्रि की पूजा का अंत। 

Sawan Shivratri 2022 Shiv Ki Aarti Lyrics In Hindi, Om Jai Shiv Omkara Aarti: वर्ष 2022 में सावन का महीना 14 जुलाई से आरंभ हो गया है। भगवान शिव को समर्पित सावन की शिवरात्रि इस वर्ष 26 जुलाई यानी आज पड़ रही है। भोलेनाथ, त्रिलोकीनाथ, नीलकंठ और महादेव आदि नामों से पुकारे जाने वाले शिव जी की आरती करना इस दिन काफी ‌ लाभदायक माना गया है। जो भक्त सावन शिवरात्रि पर शिव शंकर की पूजा-आराधना करता है उसे गृहस्थ जीवन में अनुकूलता प्राप्त होती है। सावन शिवरात्रि की पूजा का अंत हमेशा भगवान शिव की आरती से करना चाहिए। यहां देखें शिव जी की पूजा के लिए आरती लिरिक्स हिंदी में। 

Sawan Shivratri 2022 Date, Time, Shubh Muhurat And All You Need To Know:

Shiv Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi : शिवजी की आरती

जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा  
    ।।ॐ जय शिव..॥

एकानन चतुरानन पंचानन राजे
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे
          ।।ॐ जय शिव..॥


दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे
       ॥ ॐ जय शिव..॥


 अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।
 चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी
       ॥ ॐ जय शिव..॥


  श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे
       ॥ ॐ जय शिव..॥

कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता
     ॥ ॐ जय शिव..॥


ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका
   ॥ ॐ जय शिव..॥


काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी
        ॥ ॐ जय शिव..॥


त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे
        ॥ ॐ जय शिव..॥

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