सावन का महीना भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है, सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है। हिंदु पंचांग के अनुसार हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्थदशी तिथि को मासिक शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है यानि साल में 12 शिवरात्रि पड़ती हैं, लेकिन इन 12 शिवरात्रि में 2 शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है।
मान्यता है कि तीनों लोकों के स्वामी भगवान शिव पूरे सावन मास धरती पर वास करते हैं। ऐसे में सावन की शिवरात्रि पर भोलेनाथ को जल अर्पित कर मंत्रो का जाप करने से ना केवल महादेव प्रसन्न होते हैं बल्कि भक्तों के सभी कष्टों का निवारण भी करते हैं। इस बार सावन शिवरात्रि का पावन पर्व कल यानि 6 अगस्त को है। इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न कर सुख संपत्ति और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए नीचे दिए मंत्रों का जाप करें।
सावन शिवरात्रि के मंत्र
शंकराय नमसतेतुभ्य नमस्ते करवीरक।
त्र्यम्बकया नमस्तुभ्यं महेश्वरमतः परम्।।
नमस्तेअस्तु महादेवस्थाणवे च ततछ परम्।
नमः पशुपते नाथ नमस्ते शम्भवे नमः।।
नमस्ते परमानन्द नणः सोमार्धधारिणे।
नमो भीमायचोग्राय त्वामहं शरणं गतः।।
जलाभिषेक कराते समय करें इस मंत्र का जाप
ओम वरुणस्योत्म्भनमसि वरुणस्य सकम्भ सज्जर्नीस्थो।
वरुणस्य ऋतसदन्यसि वरुणस्य ऋतसदनमसि वरुणस्य ऋतसदनमासीद् ।।
मनोकामना की पूर्ती के लिए
नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे न कराय नमः शिवाय।।
नकारात्मक शक्ति से मुक्ति के लिए
प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं, अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशं।
त्र्यः शूलनिर्मूलनं शूलपाणिं भजेऽहम् भवानीपतिं भावगम्यम्।।
धन की प्राप्ति के लिए
विशुद्धज्ञानदेहाय त्रिवेदीदिव्यचक्षुषे।
श्रेयः प्राप्तिनिमित्ताय नमः सोमाद्रधधारिणे।।
सावन मास की शिवरात्रि का महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार सावन मास की शिवरात्रि का विशेष महत्व है, इस दिन जो भी भक्त आदिदेव महादेव की भक्ति में लीन होकर उनकी पूजा अर्चना करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस दिन भोलेनाथ के भक्त महादेव को जलाभिषेक कर सुख समृद्धि की कामना करते हैं।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल