Shiv Ji ki katha : अपने ही दिए वरदान में फंस गए थे भोलेनाथ, भगवान व‍िष्‍णु ने स्‍त्री रूप में की थी उनकी रक्षा

bhagwan vishnu mohini avtaar, shiv dham: भगवान शिव अत्यंत भोले और तुरंत प्रसन्न होने वाले माने गए हैं। एक कथा के अनुसार एक बार भगवान शिव अपने दिए आशीर्वाद के कारण फंस गए थे, तब एक स्त्री ने उनकी रक्षा की थी।

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Shiv Katha : जब श‍िव जी को बचाने मोह‍िनी बनकर आए व‍िष्‍णु  
मुख्य बातें
  • शिव जी, भस्मासुर के कठोर तप से प्रसन्न हो गए थे
  • पार्वती माता को देख भस्मासुर मोहित हो गया था
  • भस्मासुर ने शिवजी को भस्म करने की ठान ली

पौराणिक कथा के अनुसार शिव जी अपने भक्तों से जब प्रसन्न होते थे तो मुंह मांगा वरदान दे देते थे और यही कारण था कि कई बार असुरों ने भी शिवजी को प्रसन्न कर मनचाहा वरदान मांग लिया था। असुर इन आशीर्वाद का अनुचित प्रयोग किया करते थे और कई बार देवता भी इन असुरों से परेशान हो जाते थे। एक बार भगवान शिव स्वयं ही अपने दिए आशीर्वाद के कारण ऐसा फंस गए कि उनकी रक्षा के लिए एक स्त्री को सामने आना पड़ा था।

जानें किस भक्त को वरदान देकर फंस गए थे महादेव भी

भगवान शिव का भक्त भस्मासुर भी था और उसने  ने एक बार शिवजी को प्रसन्न करने के लिए घनघोर तपस्या की और शिवजी उसकी भक्ति से प्रसन्न हो गए। भगवान शिव भस्मासुर के तप से इतने प्रसन्न हुए कि उसे वरदान मांगने को कहा और भस्मासुर ने शंकर जी से कहा कि वह चाहता है कि उसे ऐसा वरदान मिले कि वह जिस पर हाथ रखे वह भस्म हो जाए। शंकर जी ने उसे ये वरदान दे दिया।

वरदान पा कर वह बेहद प्रसन्न हुआ और वहां से निकल ही रहा था कि रास्ते में माता पार्वती उसे नजर आ गईं। भस्मासुर उनकी खूबसूरती का देख कर इतनी मोहित हो गया कि वह उन्हें पाने को ललायित हो गया और उनके बारे में जानने के लिए उनके पीछे हो लिया। आगे जाकर पता चला कि वह तो भगवान शिव की धर्मपत्नी हैं। यह देख वह भगवान शिव के दिए आशीर्वाद को उन पर हो प्रयोग करने की ठान लिया और उनका पीछा करने लगा।

विष्णु जी बन गए जब स्त्री

भस्मासुर की इस गलत मंसा को भगवान विष्णु ने भांप लिया और वह स्त्री का रूप धारण कर उसके पास पहुंचे। वह जानते थे कि भगवान शिव को बचाने के लिए यह नाटक ही काम आ सकता है। भगवान विष्णु का स्त्री रूप बेहद मोहित करने वाला था। भस्मासुर ने जब उनको देखा तो वह सम्मोहित हो गया। भगवान विष्णु ने उसे मोहित कर अपने साथ नृत्य करने पर विवश कर दिया और वह नृत्य करने लगा।

अपना हाथ अपने ही सिर पर रख दिया

भस्मासुर के साथ नृत्य करते हुए भगवान विष्णु जी ने उसका हाथ उसके ही सिर पर रखवा दिया और उसका हाथ सिर पर रखते ही वह भस्म हो गया। इस तरह भगवान शिव शंकर अपने ही दिए वरदान से फंस गए और भगवान विष्णु ने स्त्री रूप धारण कर उनके प्राणों की रक्षा की थी।

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