Benefits of Skanda Purana: हिंदू धर्म में वेदों और पुराणों का विशेष महत्व होता है। हम अपनी संस्कृति और धार्मिक मान्यताओं के बारे में इन्हीं वेदों और पुराणों से जरिए जानकारी एकत्रित करते हैं। इन्हीं पुराणों के क्रम में तेरहवां स्थान स्कंद पुराण का है। इसके खंडात्मक और संहितात्मक दो रूपों में है, प्रत्येक में 81 हजार श्लोक हैं। स्कंद पुराण भगवान शिव के बड़े पुत्र कार्तिकेय के नाम पर ही लिखा गया है। शिवजी के पुत्र कार्तिकेय का एक नाम स्कंद भी है। स्कंद पुराण ज्ञानवर्धक बातों का वर्णन किया गया है, जिसकी जानकारी प्राप्त कर व्यक्ति का जीवन सफल और सरल बनता है। जानते हैं स्कंद पुराण की खास बातों के बारे में..
शिवजी का आशीर्वाद पाने के लिए करें स्कंद पुराण का पाठ
कहा जाता है कि जो व्यक्ति श्रद्धानुसार स्कंद पुराण का पाठ करता है भगवान शिव उससे प्रसन्न होते हैं। इसमें 12 ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति का वर्णन और चित्रण किया गया है।
प्रदोष व्रत की विशेषता व महत्व
स्कंद पुराण में प्रदोष व्रत का भी वर्णन किया गया है। इसमें बताया गया है कि जो व्यक्ति प्रदोष व्रत करता है महादेव उससे प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं। एक विधवा और शांडिल्य ऋषि का जिक्र करते हुए कथा के माध्यम से स्कंद पुराण में प्रदोष व्रत के महत्व को बताया गया है।
गृहस्थ जीवन का महत्व
स्कंद पुराण के अनुसार जिस व्यक्ति के पास धन, स्त्री,पुत्र, घर, धर्म और खेत ये पांच चीजें होती है, उसका जीवन सफल माना जाता है।
वैशाख महीने का महत्व
हिंदू कैलेंडर के अनुसार वैशाख साल का दूसरा महीना होता है। स्कंद पुराण में वैशाख माह के महत्व के बारे में भी बताया गया है। स्कंद पुराण के वैष्णव खंड अध्याय 4 में वैशाख माह की जानकारी दी गई है। इस खंड के अध्याय 4 के श्लोक 34 में बताया गया है कि, वैशाख माह में क्यों तेल मालिश करना, दिन में सोना, कांसे के पात्र में भोजन करना, दो बार भोजन करना और रात में भोजन करना वर्जित क्यों माना गया है। वैशाख माह में पवित्र नदी में स्नान से पुण्य प्राप्ति को लेकर भी इसमें विस्तारपूर्ण जानकारी दी गई है। स्कंद पुराण में बताया गया है कि कैसे महीरथ नामक राजा ने वैशाख माह में स्नान कर बैकुण्ठधाम प्राप्त कर लिया था।
श्रद्धा और मेधा का महत्व
स्कंद पुराण के अनुसार ब्रहमा जी कहते हैं पृथ्वी पर श्रद्धा और मेधा दो ऐसी वस्तुएं हैं जो काम, क्रोध आदि का नाश करती हैं। इसमें ज्ञान और विश्वास को क्रोध से दूर रहने के उपाय बताए गए हैं। साथ ही इसमें तुलसी के महत्व और इसके रख-रखाव के नियमों का भी उल्लेख किया गया है।
बिना बुलाए जाने का दुष्प्रभाव
स्कंद पुराण के महेश्वर खंड में इस बारे में बड़े ही विस्तृत ढंग से समझाया गया है कि क्यों बिन बुलाए बाराती नहीं बनना चाहिए। ऐसा व्यक्ति जो बिना बुलाए या बिना निमंत्रण के किसी के घर पहुंच जाता है उसे घोर तिरस्कार का सामना करना पड़ता है।
प्राचीन कथाओं का ज्ञान
स्कंद पुराण में चंद्र कथा (सोमदेव, तारा, उनके पुत्र बुध की उत्पत्ति की कथा, 27 नक्षत्रों का वर्णन), तारकासुर वध कथा, समुंद्र मंथन कथा, गंगा अवतरण कथा (18 नदियों और गंगा अवतरण कथा), और सती कथा का वर्णन किया गया है।
(डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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