भारतीय संस्कृति में सूर्य ग्रहण को अशुभ माना जाता है और यह कहा जाता है कि सूतक काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए और ना ही किसी नई वस्तु का आगमन करना चाहिए। हिंदू परंपराओं में जहां सूर्य ग्रहण को आस्था से जोड़कर देखा जाता है वहीं इसके उलट वैज्ञानिक सूर्य ग्रहण को महज एक खगोलीय घटना मानते हैं और यह कहते हैं कि सूर्य ग्रहण के दौरान निकलने वाली सूर्य की किरणें मनुष्यों के लिए हानिकारक होती है। इंसानों के आंखों पर और उसके त्वचा पर सूर्य की किरणों का बुरा प्रभाव पड़ सकता है। बुरे प्रभावों से बचने के लिए वैज्ञानिक और ज्योतिष अपने-अपने उपाय बताते हैं और लोग अपनी सुविधा अनुसार उन उपायों का पालन करते हैं।
सूर्य ग्रहण कब लगता है (what is solar eclipse)
जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में आ जाते हैं और चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है इस खगोलीय घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। इस दृश्य को देखने के लिए देश-विदेश में टेलिस्कोप लगाए जाते हैं और सुरक्षा के साथ लोग इस दृश्य का आनंद लेते हैं।
वैज्ञानिक और ज्योतिष गणना के अनुसार, 2021 में दो सूर्य ग्रहण लगेंगे। सबसे पहले 10 जून को वलयाकार सूर्य ग्रहण लगेगा। उसके बाद साल के आखिरी महीने में 4 दिसंबर को दूसरा सूर्य ग्रहण लगेगा। 4 दिसंबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा। इस बात की जानकारी मिल रही है कि भारत में लोग इस सूर्य ग्रहण को नहीं देख पाएंगे।
साल 2021 के पहले सूर्य ग्रहण की तिथि और समय (Surya Grahan in June 2021 Date and time)
सूर्य ग्रहण की तिथि- 10 जून 2021
सूर्य ग्रहण का समय- दोपहर के 13:42 से लेकर शाम के 18:41 तक
खबरों के अनुसार नॉर्थ अमेरिका, यूरोप, एशिया, कनाडा, ग्रीनलैंड और रूस में सूर्य ग्रहण दिखाई देगा
साल 2021 के दूसरे सूर्य ग्रहण की तिथि और समय (Surya Grahan in December 2021 Date and time)
सूर्य ग्रहण की तिथि- 4 दिसंबर 2021
सूर्य ग्रहण का समय- सुबह 10:59 से लेकर दोपहर के 15:07 तक
अंटार्टिका, दक्षिण अफ्रीका, अटलांटिक, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका में लोग सूर्य ग्रहण का लुफ्त उठा सकते हैं।
सूतक काल
सबसे पहले यह जान लें कि सूतक काल कब से कब तक लगता है, सूर्य ग्रहण शुरू होने से 12 घंटे पहले से सूतक काल ग्रहण लग जाता है जो सूर्य ग्रहण के साथ खत्म होता है। हालांकि भारत में 2021 में दोनों ही सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देंगे इसीलिए यह कहा जा रहा है कि सूतक काल भारत में मान्य नहीं होगा।
क्या है सूर्य ग्रहण का महत्व?
वैज्ञानिक सूर्य ग्रहण को महज एक खगोलीय घटना करार देते हैं लेकिन भारतीय संस्कृति में सूर्य ग्रहण को अशुभ माना जाता है। जब सूर्य ग्रहण लगता है तो मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और सभी धार्मिक कार्यों को रोक दिया जाता है। सूर्य ग्रहण के दौरान लोग शुभ या नई शुरुआत नहीं करते हैं ना ही अपने घरों में कोई नई चीज लाते हैं। हिंदू मान्यताओं के अनुसार सूर्य ग्रहण के प्रभाव से बचने के लिए पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए। जब सूर्य ग्रहण लगता है तो लोग घर में मौजूद अनाज या बचे हुए खानों को ढक देते हैं और उसमें तुलसी का पत्ता रख देते हैं। इस काल में घरों में खाना नहीं बनता है और ना ही कुछ खाया जाता है। जब सूर्य ग्रहण समाप्त हो जाता है तब लोग अपने घरों के अंदर व घरों के बाहर गंगाजल छिड़क कर हर एक चीज को शुद्ध कर देते हैं ताकि ग्रहण की अशुभ छाया हर एक चीज के ऊपर से हट जाए।
सूर्य ग्रहण के दौरान किन सावधानियों को बरतना चाहिए?
सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य की किरणों से बचिए। सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष रुप से ध्यान देने की जरूरत है। इस काल में किसी भी गर्भवती महिला को चाकू, छुरी या किसी नुकीली चीज का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार इनका इस्तेमाल करने से गर्भवती महिलाओं के गर्भ में पल रहे बच्चों के ऊपर बुरा प्रभाव पड़ता है। हिंदू संस्कृति के अनुसार सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान, दान और मंत्र जाप किया जाता है।
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