नई दिल्ली: श्रावण मास भगवान शिव की पूजा का होता है, लेकिन सावन मास की पवित्रता और धार्मिकता इतनी अधिक होती है कि इस मास में पड़ने वाला हर दिन बहुत उत्तम माना जाता है। इतना ही नहीं किसी ग्रह दोष को दूर करने या देवता को प्रसन्न करने के लिए यदि इस मास में प्रयास किया जाए तो वह भी फलीभूत होता है। हर उपाय और पूजा को भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है, इसलिए इस मास में पड़ने वाले तीज त्योहार ही नहीं आम दिन भी बहुत महत्वपूर्ण हो जाते हैं।
सावन में यदि आप कोई भी उपाय या धार्मिक कार्य करते हैं तो उसके सकारात्मक परिणाम जरूर मिलते हैं। यदि आप शनि के साढ़े साती से गुजर रहे तो सावन मास में पड़ने वाले शनिवार के दिन आपको कुछ उपाय जरूर करने चाहिए। ये उपाय इतने कारगर होते हैं कि आपको शनि से मिल रहे कष्ट दूर हो जाएंगे। सावन मास के प्रत्येक शनिवार को शनिदेव को पूजा करना शुभ फल देता है। भगवान शिव का पसंदीदा महीना श्रावण होने के कारण इस दौरान की जाने वाली पूजा को हर देवी-देवता और ग्रह स्वीकार कर अपना आशीर्वाद देते हैं।
शनि से मिलने वाला कष्ट: साढ़े साती का प्रकोप सात वर्षों तक होता है और शनि का रुष्ठ होना मनुष्य का जीवन नर्क समान बना देता है। शनि से मिलने वाला कष्ट इंसान को जीते जी मरने के समान बना देता है। दुर्घटना, षड्यंत्र, दुश्मनों की अधिकता, बीमारी, मानसिक कष्ट और आर्थिक तंग आदि शनि की साढ़े साती में मनुष्य को झेलने पड़ते हैं। व्यक्तिगत, साथ ही साथ पेशेवर समस्याएं इंसान को अंदर से तोड़ देती हैं।
शनि पूजा के साथ करें रुद्राभिषेक
महामृत्युंजय मंत्र और बीज मंत्र का जाप मंदिर में ही बैठ कर करें
ओम त्रयम्बकमं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिं वर्धनम्,
उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।
शनि बीज मंत्र
ओम प्रम प्रीति प्रुम शाह
शनैश्चराय नमः
इस मंत्र के जाप का नियम जानें
शनि देव को प्रसन्न करने के लिए इस मंत्र का 1, 3, 9, 27 या 108 बार किया जाना चाहिए। संख्या का महत्व आपके कष्ट मुक्ति से जुड़ा होता है।
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