शिवजी के प्राचीन मंदिरों या ज्योर्तिलिंगों के बारे में तो आपने बहुत सुना होगा, लेकिन क्या आप ऐसे मंदिर के बारे में जानते है, जहां उनकी पूजा के लिए पंडित या पुजारी का उतना महत्व नहीं जितना नाग है। जी हां, इस मंदिर में भगवान की पूजा रोज एक नाग करने आता है। कई देवी-देवताओं के मंदिर में बहुत सी अनोखी चीजे होती हैं और अलग-अलग उनकी पूजा के नियम होते हैं, लेकिन पूजा को मनुष्य ही करता है, लेकिन शिवजी के एक मंदिर के साथ ऐसा नहीं है। यहां कम से कम 5 घंटे तक पूजा का अधिकार केवल नाग को है। ऐसा भी नहीं कि इस मंदिर में लोग आने से डरते हैं, बल्कि महाशिवरात्रि या सावन में यहां आना बहुत ही पुण्यकारी माना जाता है। शिव जी के इस मंदिर में रोज ही भक्तों की भीड़ रहती है, क्योंकि इसे जागृत मंदिर माना जाता है। तो, आइए आज आपको इसी मंदिर के बारे में बताएं।
आगरा के सलेमाबाद में है मंदिर
उत्तर प्रदेश के आगरा के पास सलेमाबाद गांव में प्राचीन शिव मंदिर है। मान्यता है कि इस मंदिर में पिछले 15 सालों से शिवजी की पूजा एक नाग कर रहा है। ये नाग रोज मंदिर में आता है और भगवान शिव के पास ही 5 घंटे तक रहता है। यहां आने का ये रोज का उसका काम है। शिवलिंग के पास आकर वह नाग चुपचाप बैठता है।
रोज एक समय पर आता है नाग
नाग का आना रोज मंदिर में एक ही समय पर होता है। वह मंदिर में करीब 10 बजे आता है और दोपहर तीन बजे के बाद चला जाता है। खास बात ये है कि लोग इस नाग के दर्शन को भी व्याकुल रहते हैं। नाग ने इन 15 सालों में कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया है। नाग के मंदिर में मौजूद रहने की बात दूर-दूर तक पहुंचने लगी है और यहां दर्शन को आने लगे हैं।
नाग के मंदिर में आते ही बंद हो जाते हैं द्वार
शिव मंदिर में नाग के प्रवेश के बाद द्वार बंद कर दिए जाते है, लेकिन फिर भी नाग के दर्शन करने के लिए लोग मंदिर के बाहर खड़े रहते है। नाग के बाहर आने के बाद ही लोगों को शिवजी के दर्शन करने दिए जाते है। उससे पहले लोगों के द्वार बंद ही रहते है। हालांकि लोग नाग को आते या जाते देखते हैं। 15 सालों से नाग का अचानक यहां आना और रोज आना कौतुहल का विषय बन चुका है।
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