Diwali 2020 : दीपावली पर क‍िस तेल के दीये जलाना होता है शुभ, जानें द‍िवाली पर क‍ितने दीप जलाएं और इनका महत्‍व

which oil is best for diwali diyas : दीपावली पर दीये जलाने की परंपरा पुरानी है। माना जाता है दीये जलाने से मां लक्ष्मी का घर में आगमन होता है। लेक‍िन क्‍या आप जानते हैं क‍ि दीपावली पर क‍िस तेल के दीये जलाएं।

type of oil is traditionally used in oil lamps during diwali
Diwali 2020 : दीपावली पर दीये जलाने की परंपरा बहुत पुरानी है 
मुख्य बातें
  • बहुत पुरानी है दिवाली पर दीये जलाने की परंपरा
  • पूजा में घी या तेल के दीये जलाए जाते हैं
  • सरसों के तेल के अलावा एक और तेल के दीये जाने का भी महत्‍व है

कार्तिक मास की अमावस्या पर दीपावली का त्‍योहार मनाने की प्रथा है। इसे रोशनी का त्‍योहार भी कहा जाता है क्‍योंक‍ि इस पर्व पर दीयों की जगमग अमावस्‍या की काल‍िमा को दूर कर देती है। मान्‍यता है क‍ि दीपावली के द‍िन ही समुद्र मंथन के दौरान मां लक्ष्‍मी का जन्‍म हुआ था, ल‍िहाजा रोशनी से उनको घर में आमंत्र‍ितत भी क‍िया जाता है। 

द‍िवाली पर दीये जलाने की सबसे प्रचल‍ित मान्‍यता है क‍ि इस द‍िन श्रीराम 14 वर्ष का वनवास पूरा करने के बाद सीता मां और लक्ष्‍मण संग अयोध्‍या वापस लौटे थे। उनके आने की खुशी में पूरी नगरी में दीयों की रोशनी की गई थी। 

Diwali 2020 date
साल 2020 में कार्तिक मास की अमावस्या 14 नवम्बर को पड़ेगी। 14 नवम्बर को दोपहर 02:19 मिनट तक नरक चतुर्दशी तिथि रहेगी, उसके बाद अमावस्या तिथि प्रारम्भ हो जाएगी। 
अमावस्या 14 नवम्बर से आरम्भ होकर 15 नवम्बर को सुबह 10:35 मिनट तक रहेगी। दीपावली अमावस्या तिथि की रात्रि व लक्ष्मी पूजन अमावस्या की सायंकाल होता है। 

क‍िस तेल से जलाएं दीपावली के द‍िये (which oil for diwali lamps)

पूजा में आमतौर पर घी या सरसों के तेल के दीये जलाए जाते हैं। दीपावली पर भी दीये आमतौर पर इन्‍हीं तेल से जलाते हैं। म‍िट्टी के दीयों में घी या सरसों के तेल में बाती को भ‍िगोकर जलाने की परंपरा है। 

इसके अलावा दीपावली पर अलसी के तेज यानी फ्लैक्‍ससीड ऑयल से भी दीये जलाने चाह‍िए। माना जाता है क‍ि इस तेल के दीयों से लक्ष्‍मी कृपा म‍िलती है और साथ ही, राहु व केतु की अशुभ दृष्‍ट‍ि भी खत्‍म होने जल्‍दी ही शुभ प्रभाव द‍िखता है। 

दिवाली पर क‍ितने दीये जलाने चाह‍िए (diwali par kitne diye jalane chahiye) 

दीपावली पर 13 दीये जलाने की प्रथा है। दीये की लौ पूर्व दिशा की ओर रखें। इससे आयु में वृद्धि होती है। सूर्यास्‍त होने से पहले दीये जला लें। 

  1. द‍िवाली का पहला दीया धनतेरस पर जलाएं। दक्षिण की ओर इसका मुख रखें। ये दीया पुराना होना चाह‍िए। 
  2. दूसरा दीया : गाय के घी का दीपक मंद‍िर में द‍िवाली वाले द‍िन जलाएं। 
  3. तीसरा दीया : दिवाली की रात एक दीपक लक्ष्मी पूजा के दौरान जलाएं। 
  4. चौथा दीपक द‍िवाली पर तुलसी के पास जलाना चाहिए। 
  5. पांचवां दीपक घर के दरवाजे के बाहर जलाएं। 
  6. एक दीपक पीपल के पेड़ के नीचे जरूर रखें। 
  7. सातवां दीपक घर के पास बने क‍िसी मंद‍िर में जलाएं। 
  8. आठवां दीपक घर में कचरा रखने वाले स्थान पर जलाएं। 
  9. एक दीपक घर के बाथरूम में भी जलाएं। 
  10. छत की मुंडेर पर द‍िवाली का दसवां दीपक रखें। 
  11. यह दीया घर की खिड़की के पास रखें। 
  12. घर की छत पर भी एक दीया रखें। 
  13. 13वां दीपक घर के पास बने किसी चौराहे पर रखें। 

इस तरह द‍िवाली के दीपक आपके जीवन में उज‍ियारा लेकर आएंगे और कष्‍ट दूर करेंगे। 

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