सनातन हिंदु धर्म में तुलसी को माता का स्वरूप और अत्यंत पवित्र माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार समुद्रमंथन के समय धरती पर जो अमृत छलका उससे तुलसी की उत्पत्ति हुई। ग्रहणकाल में ग्रहण के बुरे प्रभाव से बचने के लिए भी तुलसी का प्रयोग किया जाता है। जी हां घर में तुलसी का पत्ता रखने से ग्रहण के दौरान आकाश मंडल या ब्रम्हांड से आने वाली नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश नहीं कर पाएगी और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा। साथ ही मां लक्ष्मी की कृपा आप पर सदैव बनी रहेगी, क्योंकि तुलसी जी मां लक्ष्मी का ही स्वरूप मानी जाती हैं।
आपको बता दें साल 2021 का पहला चंद्र ग्रहण कल यानि 26 मई को लग रहा है। संयोग से इस दिन वैशाख पूर्णिमा और बुद्ध पूर्णिमा भी है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मौजूदा साल का पहला चंद्र ग्रहण वृश्चक राशि और अनुराधा नक्षत्र में लगेगा। यह एक पूर्ण चंद्र ग्रहण की स्थिति होगी, जो कि भारत समेत दुनिया के कई देशों में लगेगा। हालांकि भारत में ये ग्रहण समाप्ति के समय पूर्वी भाग में उपक्षाया के रूप में दर्शनीय होगा।
चंद्र ग्रहण के 9 घंटे पहले सूतक लग जाता है, इस दौरान सभी शुभ कार्य वर्जित होते हैं। ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक तुलसी का प्रयोग करके चंद्र ग्रहण के बुरे प्रभाव से बचा जा सकता है। ऐसे में आइए जानते हैं ग्रहण से बचने के लिए कैसे करें तुलसी का इस्तेमाल।
तुलसी का पत्ता रखने से नकारात्मक ऊर्जा होती है दूर:
ग्रहण के बुरे प्रभाव से बचने के लिए तुलसी के पत्तों को घर में सूतक काल लगने से पहले रखना चाहिए। सूतक काल ग्रहण लगने से 9 घंटे पहले शुरु हो जाता है और यह ग्रहण काल के समाप्त होने के बाद खत्म होता है। ग्रहण के दौरान किसी वस्तु को शुद्ध करने के लिए तुलसी का इस्तेमाल किया जाता है।
वैज्ञानिक शास्त्र के अनुसार आपको बता दें तुलसी में पारा मौजूद होता है, पारा पर किसी भी तरह की किरणों का कोई असर नहीं होता। गौरतलब है कि चंद्र ग्रहण के समय पैरा बैंगनी किरणें निकलती हैं, जो सेहत के लिए हानिकारक होती हैं। पारे के गुण के कारण खाने में तुलसी का पत्ता रखने से वह निष्क्रिय हो जाती हैं। ऐसे में ग्रहण के दौरान इन स्थानों पर तुलसी का पत्ता रखना ना भूलें।
खाने पीने वाली चीजों में:
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण के दौरान किचन में खाने पीने वाली चीजों में तुलसी के कुछ पत्ते अवश्य रखें। इससे ग्रहण के समय आकाश मंडल और ब्रम्हांड से आने वाली नकारात्मक ऊर्जा तुलसी के निकट आते ही निष्क्रिय हो जाती है। साथ ही रसोई घर में जहां आप सब्जी, फल, राशन का समान रखते हैं वहां भी तुलसी का पत्ता रखना ना भूलें।
मंदिर में:
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण काल को अशुभ माना जाता है, इस दौरान पूजा पाठ भी नहीं करना चाहिए और ना ही भगवान के दर्शन करना चाहिए। इसलिए सूतक काल लगने से पहले घर के मंदिरों के कपाट बंद कर दें और मंदिर में तुलसी के कुछ पत्ते रखें। साथ ही भगवान को भोग लगाने से पहले उसमें भी तुलसी का पत्ता रखें।
शुभ फल की प्राप्ति के लिए:
सूतक काल से पहले कोई पुराना पहना हुआ कपड़ा बाहर निकाल दें तथा उसमें थोड़ा सा अनाज और कुछ तुलसी के पत्ते डालकर रख दें। ग्रहण काल के बाद उस कपड़े को अनाज सहित किसी सफाई कर्मचारी या किसी जरूरतमंद को दान करें। ऐसा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
पानी की टंकी में डालें तुलसी के पत्ते:
ध्यान रहे सूतक काल से पहले बाथरूम में जहां आपने पानी एकत्रित करके रखा है या फिर पानी की टंकी में कुछ तुलसी के पत्ते डाल दें। क्योंकि सूतक काल के बाद नहाना शुभ माना जाता है, पानी में तुलसी का पत्ता होने से उस पर नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव नहीं पड़ता है।
गर्भवती महिलाएं रहें अधिक सजग:
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार गर्भवती महिलाओं को सूतक काल खत्म होने के बाद पूरे शरीर पर चंदन और तुलसी का लेप बनाकर लगाना चाहिए। ऐसा करने से गर्भ में पल रहे बच्चे की रक्षा होती है। साथ ही गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान अधिक सजग रहने की सलाह दी जाती है।
तिजोरी में भी रखें तुलसी के पत्ते:
सूतक काल लगने से पहले तुलसी का पत्ता तिजोरी या फिर जहां आप पैसे और जेवर रखते हैं वहां भी अवश्य रखें। ऐसा करने से आपके धन सामग्री पर नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव नहीं पड़ता है।
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