Vaishakh Purnima 2022 Date: कब है वैशाख पूर्णिमा? जानिए इसका महत्व और पूजा विधि ताकि पूरे हों सभी मनोरथ

Vaishakh Purnima 2022: वैशाख मास की पूर्णिमा 16 मई को है। इस दिन भगवान विष्णु के नौवें अवतार भगवान बुध का जन्म हुआ था। हिंदू धर्म के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा करने से सारी मनोकामना पूरी होती है।

 Vaishakh Purnima
Vaishakh Purnima Date in 2022  |  तस्वीर साभार: Instagram
मुख्य बातें
  • बुद्ध पूर्णिमा तिथि को बेहद शुभ माना जाता है
  • हिंदू धर्म शास्त्र के अनुसार वैशाख मास भगवान विष्णु को सबसे ज्यादा प्रिय है
  • ब्रह्मा जी ने वैशाख मास को सभी हिंदू महीने में सबसे ज्यादा श्रेष्ट बताया था है

 Vaishakh Purnima 2022 Date: इस साल वैशाख मास की पूर्णिमा 16 मई को है। पौराणिक शास्त्रों में बताया गया है कि वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान श्री विष्णु के नौवें अवतार भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन को बुद्ध पूर्णिमा या बुद्ध जयंती के नाम से जाना जाता है। बुद्ध पूर्णिमा तिथि को बेहद शुभ माना जाता है। हिंदू धर्म शास्त्र के अनुसार वैशाख मास भगवान विष्णु को सबसे ज्यादा प्रिय है। ब्रह्मा जी ने वैशाख मास को सभी हिंदू महीने में सबसे ज्यादा श्रेष्ट बताया था है। इस शुभ और पावन दिन में व्रत रखने से व पूजा अर्चना करने से भगवान विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी, भोलेनाथ और श्री कृष्ण को भी प्रसन्न किया जा सकता है। इसके साथ ही मनवांछित फल की प्राप्ति की जा सकती है। आइए जानते हैं वैशाख पूर्णिमा का महत्व व पूजा विधि के बारे में..

हिंदू धर्म के पंचांग के अनुसार वैशाख मास की पूर्णिमा का व्रत 16 मई को रखा जाएगा। वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 12 मई 2022 रात 12 बजकर 45 मिनट पर होगा। वहीं पूर्णिमा तिथि का समापन 16 मई की रात 9 बजकर 45 मिनट पर होगा।

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वैशाख पूर्णिमा का महत्व

हिंदू मान्यता के अनुसार वैशाख पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। इस दिन को सबसे शुभ दिनों में से एक माना गया है। ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन चंद्र पूजन करने से व्यक्ति की कुंडली में मौजूद चंद्र दोष दूर होता है। इसके अलावा मान्यता यह भी है कि वैशाख पूर्णिमा का व्रत रखने से सभी पापों व बुरे कर्मों से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही मृत्यु के उपरांत स्वर्ग की प्राप्ति होती हैं। यही नहीं हिंदू धर्म में यह भी मान्यता है कि यमराज देवता को प्रसन्न करने के लिए वैशाख पूर्णिमा के दिन व्रत रखकर विधि विधान से पूजा करनी चाहिए।

जानिए, कैसे करें पूजा

पंडित गोविंद पांडे जी बताते हैं कि वैशाख पूर्णिमा के दिन व्रत रखने से सभी मनोकामना पूरी होती है। इस दिन व्रत करने के कई विधि विधान होते हैं। अगर आप वैशाख पूर्णिमा का व्रत रख रहे हैं तो इस दिन सुबह उठकर स्नान करने से पहले पानी में थोड़ा गंगाजल डालकर स्नान करें। स्नान करने के बाद सूर्य देवता को अर्घ्य दें। अर्घ देते हुए यहां मंत्र 3 बार दोहराएं 'ओम सूर्याय नमः, ओम वासुदेवाय नमः, ओम आदित्य नमः'।

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सत्यनारायण की कथा कराने से मिलता है लाभ

इसके बाद घर के मंदिर में दीपक जलाकर विष्णु जी की पूजा करें और उनकी आरती और मंत्र का जाप करें। इस दिन सत्यनारायण की कथा कराने से भी कई लाभ मिलता है। इसके बाद शाम के समय भी चंद्रमा को अर्घ्य दें। भगवान को भोग लगाने के बाद ही अन्य ग्रहण करें।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।) 

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