Var De Veena Vadini song, poem, kavita, lyrics in hindi (वर दे वीणा वादिनी के हिंदी लिरिक्स): हिंदू धर्म में बसंत पंचमी पूजा का विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार यह पर्व हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। इस साल बसंत पंचमी की पूजा आज यानी 05 फरवरी मनाई जा रही है। इस दिन ज्ञान और वाणी की देवी मां शारदा की पूजा अर्चना की जाती है। शास्त्र के अनुसार भगवान विष्णु और भगवान महेश के कहने पर ब्रह्मा जी ने मां सरस्वती को कल के दिन प्रकट किया था। आपको बता दें बसंत पंचमी सरस्वती माता का जन्म दिन को रूप में मनाया जाता है। बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा में वर दे वीणा वादिनी कविता को प्रार्थना के तौर पर गाया जाता है जिसे मशहूर कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला ने लिखा था।
Saraswati Mata Ki Aarti: ओम जय सरस्वती माता की आरती
वर दे वीणावादिनि वर दे।
प्रिय स्वतंत्र-रव अमृत-मंत्र नव
।।भारत में भर दे।।
काट अंध-उर के बंधन-स्तर।
बहा जननि, ज्योतिर्मय निर्झर,
कलुष-भेद-तम हर प्रकाश भर,
जगमग जग कर दे,
वर दे वीणावादिनि वर दे,
प्रिय स्वतंत्र-रव अमृत-मंत्र नव
।।भारत में भर दे।।
नव गति नव लय, ताल-छंद नव,
नवल कंठ नव जलद-मन्द्ररव,
नव नभ के नव विहग-वृंद को,
नव पर नव स्वर दे,
वर दे वीणावादिनि वर दे,
वर दे, वीणावादिनि वर दे,
प्रिय स्वतंत्र-रव अमृत-मंत्र नव
।।भारत में भर दे।।
Saraswati Chalisa In Hindi: सरस्वती चालीसा के लिरिक्स हिंदी में
Var De Veena Vadini var de ka bhavarth in hindi
कवि मां सरस्वती से प्रार्थना करते हुए कहते हैं कि हे वीणा का वादन करने वाली मां सरस्वती ! तुम हमें ऐसा वरदान दो एवं मेरे देश भारत के नागरिकों में स्वतन्त्रता की भावना का अमृत (अमर) मन्त्र भर दो। तुम भारतवासियों के अन्धकार अर्थात अज्ञानता से भरें हृदय के सभी बन्धनों की तहों को काट दो अर्थात दूर कर दो और ज्ञान का स्रोत बहा दो। हमारे अन्दर जितने क्लेश रुपी दोष और अज्ञानता हैं, उन्हें दूर कर दो। हमारे हृदय में ज्ञान रुपी प्रकाश भर दो। इस समूचे संसार को जगमगा दो। हम सभी भारतवासियों को नवीन उन्नति (गति), नवीन तान (लय), नवीन ताल एवं नवीन गीत (छन्द), नवीन स्वर और मेघ के समान गम्भीर स्वरूप को प्रदान कर दो। तुम इस नवीन आसमान में विचरण अर्थात उड़ने वाले इन नए-नए पक्षियों को नवीन पंख प्रदान कर नवीन कलरव (स्वर) को प्रदान करो।
बसंत पंचमी पूजा में कैसी होनी चाहिए मां सरस्वती की मूर्ति
बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा का महत्व
इस दिन घर में मां सरस्वती को भोग लगाने के लिए तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं। बसंत पंचमी विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण दिन होता है। माता के भक्त इस दिन पीला वस्त्र पहनकर माता को पीला वस्त्र, पीला फूल, पीला प्रसाद का भोग लगाते हैं। आपको बता दें मां सरस्वती को पीला रंग बेहद पसंद है। ऐसी मान्यता है कि यह बसंत पंचमी के दिन पीला भोग लगाने से माता बहुत जल्द प्रसन्न हो जाती हैं। धर्म के अनुसार बसंत पंचमी के दिन से ही दुनिया में संगीत की शुरुआत हुई थी। यदि आप मां सरस्वती की विशेष कृपा प्राप्त करना चाहते है, तो उनकी पूजा में ये वंदना जरूर पढ़ें।
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