विदुर हस्तिनापुर शासन में धृतराष्ट्र के प्रधानमंत्री थे और बेहद बुद्धिमान, विवेकी और ज्ञानी थे। उनकी नीतियों और बुद्धि-विवेक के बल पर ही हस्तिनापुर नरेश धृतराष्ट्र निर्भर थे। विदुर अपनी दूरदर्शिता और छठी इंद्रियों के बल पर समय की नजाकत और लोगों के मन में चल रहे विचारों के जान लेते थे। विदुर ने मनुष्य के लिए बहुत सी बातें अपनी नीतियों में की हैं, ताकि वह एक सफल और सुखी जीवन जी सकें। इसी क्रम में विदुर ने ऐसे लोगों की पहचान भी बताई है जिन पर विश्वास नहीं करना चाहिए।
1. सामने वाले के मुंह को देख कर बात करने वाला
विदुर ने ऐसे लोगों को अविश्वसनीय माना है जो किसी मौके पर सामने वाले के मुंह के हिसाब से बाते करते हैं। ऐसे लोग अवसरवादी होते हैं और अपने हित कि सोचकर बात करते हैं। ऐसे लोगों पर विश्वास करना धोखा खाने की राह पर आगे बढ़ना होता है।
2. अलग-अलग बातें करने वाला
धृतराष्ट्र ने एक बार विदुर से पूछा था कि यदि कोई एक ही बात को अलग-अलग लोगों से अलग तरीके से बताए तो क्या वह विश्वसनीय होता है? तब विदुर ने कहा था कि, महाराज ऐसे लोग विश्वसनीयता तो दूर बात करने लायक भी नहीं होते। ऐसे लोग लोगों के बीच में मतभेद पैदा करने वाले होते हैं। ऐसे लोगों की बातों पर कभी यकिन नहीं करना चाहिए और इनसे दूरी बना कर रखनी चाहिए।
3. निंदा करने वाले नहीं होते विश्वसनीय
विदुर से धृतराष्ट्र से पूछा था कि निंदा करने वाले का चरित्र कैसा होता है? तब विदुर ने कहा था कि ऐसे लोग जो दूसरों की निंदा करते हैं, जिसके समक्ष निंदा कर रहे हैं उसकी भी निंदा करते हैं। फिर ऐसे लोग किसी के सगे कैसे हो सकते हैं? ऐसे लोग विश्वास करने योग्य नहीं होते हैं। ऐसे व्यक्ति संबंधों में संदेह पैदा कराते हैं और लोगों को भिड़ा कर राज करते हैं।
4. बार-बार परखने वाले अविश्वसनीय होते हैं
करीबी मित्रों और रिश्तेदारों को जो इंसान बार-बार परखता रहे और उनकी सत्यता की जांच करता रहे, ऐसा इंसान विश्वास योग्य नहीं होता। जिसका अपना आत्मविश्वास इतना कमजोर हो वह दूसरे के लिए कभी विश्वसनीय नहीं हो सकता है।
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