हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, परम पूज्य देवता गणेश जी की पूजा के लिए विनायक चतुर्थी का दिन बेहद मंगलमय होता है। हर महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी कहा जाता है और यह दिन भगवान गणेश को समर्पित है। भक्त इस दिन भगवान गणेश की पूजा विधि अनुसार करते हैं तथा उनके प्रिय भोग चढ़ाते हैं। भगवान गणेश की पूजा करना बेहद लाभदायक माना जाता है, भगवान गणेश की पूजा करने से रिद्धि-सिद्धि की प्राप्ति होती है तथा सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं।
भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा गया है क्योंकि वह अपने भक्तों के सभी विघ्नों को हरते हैं और उन्हें सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। हिंदू मान्यताओं के मुताबिक, जो भक्त विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करता है उसे ज्ञान और धैर्य की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि भगवान गणेश की पूजा विधिवत तरीके से शुभ मुहूर्त पर करनी चाहिए।
विनायक चतुर्थी तिथि एवं शुभ मुहूर्त
विनायक चतुर्थी पूजन विधि
जानकार बताते हैं कि विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा दोपहर को मध्याह्न काल में करनी चाहिए। पूजा करने के लिए सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें और नित्य क्रियाओं से निवृत्त होकर स्नान करें। स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े पहनें और भगवान गणेश के सामने व्रत करने का संकल्प लें। दोपहर को मध्याह्न काल में भगवान गणेश की पूजा करें फिर दूर्वा अर्पित करके उनकी आरती कर लें। आरती करने के बाद ॐ गं गणपतयै नमः मंत्र का जाप करें फिर भगवान गणेश को 21 बूंदी के लड्डू का भोग लगाकर सभी सदस्यों को प्रसाद बाट दें।
विनायक चतुर्थी व्रत का महत्व
कहा जाता है कि भगवान गणेश को चतुर्थी तिथि बेहद प्रिय है इसीलिए चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश की पूजा करना बेहद मंगलमय माना जाता है। विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करने से ज्ञान और की प्राप्ति होती है। इतना ही नहीं भगवान श्री गणेश भक्तों भक्तों के सभी बहनों को हरते हैं और शांती प्रदान करते हैं। विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करने से व्यापार में बढ़ोतरी भी होती है। विनायक चतुर्थी पर दान करने से विशेष लाभ मिलता है।
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