Vish Yog: इंसान की कुंडली में कई शुभ और अशुभ योग होते हैं। एक तरफ जहां शुभ योग इंसान के जीवन में सुख-समृद्धि लेकर आते हैं तो वहीं दूसरी ओर अशुभ योग दरिद्रता, तंगी, समस्याओं को बढ़ावा देते हैं। ऐसा ही एक अशुभ योग है- विष योग। जब भी किसी इंसान की कुंडली में विष योग बनता है तो उस पर मुसीबतों का पहाड़ टूटने लगता है। जीवन में एक के बाद एक परेशानी का दौर चलता रहता है। आइए आज आपको बताते हैं कि आखिर ये विष योग कुंडली में बनाता कैसे है और इससे बचने के उपाय क्या हैं।
कुंडली में कैसे बनता है विष योग?
ज्योतिषविद कहते हैं कि चंद्रमा और शनि की युति से कुंडली में विष योग का निर्माण होता है। शनि और चंद्रमा जब आपस में अंतर्दशा से चलते हैं तो इस अशुभ योग का प्रभाव बढ़ जाता है। इसके चलते जातक के जीवन में बड़ी परेशानियां आती हैं। जिस इंसान की कुंडली में यह अशुभ योग जगह बना लेता है, उसे हमेशा अशुभ फलों की प्राप्ति होती है।
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विष योग के नुकसान
कुंडली में विष योग के कारण आर्थिक, करियर और स्वास्थ्य के मोर्चे पर भारी नुकसान उठाने पड़ते हैं। तनाव, चिंता से जीवन बिल्कुल नीरस हो जाता है। आपसी रिश्तों में कड़वाहट आने लगती है। दांप्त्य जीवन बिखर सा जाता है। हमारे मन-मस्तिष्क पर भी इसका बहुत बुरा असर होता है।
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विष योग के क्या हैं उपाय?
विष योग से पीड़ित लोगों को इसके दुष्प्रभाव से बचने के लिए दैनिक जीवन में कुछ खास उपाय करने चााहिए। प्रतिदिन शिवलिंग का जलाभिषेक करें। हनुमान चालीसा का पाठ करें। सोमवार और शनिवार के दिन क्रमश: भगवान शिव और शनि देव की उपासना करें। महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करने से भी आपको बड़ा लाभ मिलेगा।
डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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