नई दिल्ली: विषुव या इक्विनॉक्स एक ऐसी खगोलीय घटना है जो साल में सिर्फ दो बार होती है। एक बार गर्मियां आते हुए वसंत के मौसम में और दूसरी बार शरद ऋतु में सर्दियां की शुरुआत से पहले। विषुव तब होता है जब हर साल पृथ्वी के अक्ष का झुकाव न तो सूरज से दूर होता है और न ही सूर्य की ओर। इक्विनॉक्स के दौरान सूर्य के संबंध में पृथ्वी का झुकाव 0° होता है और इस दौरान दिन और रात की अवधि बराबर होती है। यानी विषुव के दिन दिन-रात लगभग बराबर 12 घंटे के होते हैं।
विषुव हर साल 20 या 21 मार्च और 22 या 23 सितंबर को होता है और दोनों मौकों पर दिन और रात एक ही अवधि के होते हैं। मार्च के दौरान यह उत्तरी गोलार्ध में वसंत के तौर होता है। मार्च इक्विनॉक्स को वर्नल इक्विनॉक्स और स्प्रिंग इक्विनॉक्स कहा जाता है, जबकि दक्षिणी गोलार्ध में एक शरद ऋतु का समय है और इसे शरद ऋतु विषुव और फॉल इक्विनॉक्स कहा जाता है।
दूसरे शब्दों में, मार्च इक्विनॉक्स (विषुव) के मौके पर यह यूके, यूएसए, कनाडा, रूस, भारत और चीन में स्प्रिंगटाइम (वसंत) होता है जबकि ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, चिली, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका में शरद ऋतु का समय होता है।
इसी तरह, सितंबर इक्विनॉक्स के दौरान उत्तरी गोलार्ध में शरद ऋतु का समय होता है, जबकि दक्षिणी गोलार्ध में वसंत का समय होता है। इस समय यूके, यूएसए, कनाडा, रूस, भारत और चीन में शरद ऋतु का समय होता है जबकि ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, चिली, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका में स्प्रिंगटाइम।
हिंदू ज्योतिष में, वर्नल इक्विनॉक्स को शरद विशुवा या शरद संपत के रूप में भी जाना जाता है। एक नजर डालते हैं 22 सितंबर को शरद विषुव के समय पर।
शरद काल विषुव सूर्योदय - प्रातः 06:10
शरद काल विषुव सूर्यास्त - सायं 06:17
शरद ऋतु विषुव दिन की अवधि - 12 घंटे 07 मिनट 53 सेकेंड
शरद ऋतु विषुव पिछले दिन की अवधि - 12 घंटे 09 मिनट 35 सेकंड
शरद ऋतु विषुव अगले दिन की अवधि - 12 घंटे 06 मिनट 11 सेकंड
किसी भी भ्रम से बचने के लिए विषुव को ज्यादातर मार्च विषुव (उत्तरी विषुव) और सितंबर विषुव (दक्षिणी विषुव) के रूप में जाना जाता है।
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