देवों के देव महादेव की विशेष सावन में करने से विशेष लाभ मिलते हैं। सावन माह में रुद्राभिषेक करने का अमोघ पुण्य प्राप्त होता है। भगवान शंकर की पूजा के साथ यदि सावन में रुद्राभिषेक भी कर लिया जाए तो भक्तों को जीवन की कई परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही यदि कोई मनोकामना हो तो वह भी आसानी से पूर्ण होती है। सावन में भगवान शिव का रुद्राभिषेक मनुष्य स्वयं भी कर सकते हैं। कोरोना संकट के कारण भले ही आप मंदिर न जा सकें या किसी पंडित को घर न बुला सकें, लेकिन खुद रुद्राभिषेक जरूर कर सकते हैं।
Rudrabhishek puja samagri, रुद्राभिषेक की पूजा सामग्री
भगवान शिव का सावन में जल, दूध, दही, घी, शक्कर, शहद, गंगाजल, गन्ने के रस आदि से अभिषेक किया जाता है। अभिषेक के बाद बेलपत्र, समीपत्र, दूब, कुशा, कमल, नीलकमल, जंवाफूल कनेर, राई फूल आदि उन्हें समर्पित करने के बाद, भोग के रूप में धतूरा, भांंग और श्रीफल महादेव को चढ़ाया जाता है। बस कुछ और विधियों को अपनाते हुए ऐसे ही आप रुद्राभिषेक भी कर सकते हैं। तो आइए जानें घर पर ही आप कैसे रुद्राभिषेक कर सकते हैं। सर्वप्रथम आप पार्थिव शिवलिंग का निर्माण करें या स्फटिक के शिवलिंग का ही रुद्राभिषेक करें। शिवलिंग अंगूठे के पोर से ज्यादा बड़ा नहीं होना चाहिए।
Rudrabhishek vidhi in Hindi, रुद्राभिषेक विधि इन हिंंदी
Rudrabhishek Mantra, रुद्राभिषेक का मंत्र
'मम क्षेमस्थैर्यविजयारोग्यैश्वर्याभिवृद्धयर्थं सोमवार व्रतं करिष्ये'
इसके पश्चात निम्न मंत्र से ध्यान करें,
'ध्यायेन्नित्यं महेशं रजतगिरिनिभं चारुचंद्रावतंसं रत्नाकल्पोज्ज्वलांग परशुमृगवराभीतिहस्तं प्रसन्नम्।
पद्मासीनं समंतात् स्तुतममरगणैर्व्याघ्रकृत्तिं वसानं विश्वाद्यं विश्ववंद्यं निखिलभयहरं पंचवक्त्रं त्रिनेत्रम्॥
ध्यान के पश्चात 'ॐ नमः शिवाय' से शिवजी का तथा 'ॐ शिवाय नमः' से पार्वतीजी का षोडशोपचार पूजन करें। इसके बाद आरती कर प्रसाद वितरण करें।
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