Chhath Puja 2022 Date: छठ पूजा कब है 2022 में, देखें चार दिन तक चलने वाले इस पर्व का पूरा कैलेंडर

Chhath Puja 2022 Date Kab Hai, Time, Puja Muhurat (छठ पूजा कब है 2022): हिंदू पंचांग के अनुसार दिवाली के छठे दिन की जाती है छठी मैया की पूजा अर्चना। देश के कई हिस्सों- जैसे बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में यह पूजा हर साल बड़ी धूमधाम के साथ की जाती हैं। जानें छठ पूजा 2022 में कब है।

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Chhath Puja 2022 date in India 

Chhath Puja 2022 Date, Time, Puja Muhurat in India: छठ पूजा हिंदुओं का खास त्योहार है। यह बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता हैं। छठ पूजा (Chhath Puja 2022 date) हर साल दिवाली के छठे दिन मनाया जाता है। इस पूजा में उपवास करने वाले लोग उगते हुए सूर्य और डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं। सूर्य देवता के अलावा इस दिन छठी मैया की भी पूजा अर्चना की जाती है। ऐसा कहा जाता है, कि छठी मैया की भक्ति पूर्वक पूजा आराधना करने से व्यक्ति के सभी रोग, दुख-दर्द हमेशा के लिए दूर हो जाते हैं। आपको बता दें यह पूजा 36 घंटे की होती है। दिवाली से ही बाजार में छठ पूजा (Chhath Puja 2022 Date in India) की सारी सामग्री मिलनी शुरू हो जाती है। यदि आप भी छठ पर्व करने की सोच करते है या करते है, तो यहां आप इसकी सही तारीख जान सकते हैं।

Chhath Puja 2022 Date: छठ पूजा 2022 कब है

हिंदू पंचांग के अनुसार छठ पूजा (when is Chhath puja in 2022) हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाती है। इस साल यह पूजा 30 अक्टूबर दिन रविवार से शुरू हो जाएगी। छठ पूजा का मुहूर्त 30 अक्टूबर को सूर्यास्त के समय शाम 5:37 से शुरू होकर 31 अक्टूबर को सूर्योदय के समय सुबह  06:31 तक रहेगा।

Chhath Puja 2022 Calendar

छठ पूजा 2022 प्रारंभ डेट : 28 अक्टूबर 2022 (नहाय खाय), दिन शुक्रवार 

छठ पूजा 2022 खरना डेट : 29 अक्टूबर 2022, दिन शनिवार

छठ पूजा 2022 शाम का अर्घ्य : 30 अक्टूबर 2022, दिन रविवार

छठ पूजा 2022 समापन, पारण डेट : 31 अक्टूबर 2022, दिन सोमवार


कुछ जगहों पर छठ पूजा के दिन लोग घाट पर पूरी रात जागरण भी करते है। पंचांग के अनुसार यह पूजा हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाती है। चार दिवसीय इस पर्व की शुरुआत नहाएं खाए के साथ शुरू होती है। इस दिन उपवास रखने वाले लोग गुड़वाली चावल की खीर बनाकर छठी माई की पूजा करते है। इस पर्व को लेकर ऐसा कहा जाता है कि इसमें व्यक्ति जितना नियम निष्ठा अपना आता हैं, छठी मैया उतनी ही जल्द प्रसन्न होती है। इस पूजा में भगवान सूर्य को साक्षी मानकर व्रत का संकल्प लिया जाता है।

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