रामायण इन दिनों काफी चर्चा में है। लोग रामायण के किरदारों के बारे में और उन प्रसिद्ध जगहों के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानना चाहते हैं। आज हम बात करेंगे लंका की, वही लंका जहां का राजा रावण हुआ करता था और जिसे लंकापति रावण कहा जाता था। दस सर वाले रावण की वध भगवान श्रीराम ने युद्ध के दौरान कर दिया था। यूं तो रामायण में बताई गई कई जगहें आज भी अस्तित्व में है और दूसरे नामों से जाने जाते हैं लेकिन रामायण की एक-एक घटनाओं के गवाह भी हैं।
लंका का आज कोई अस्तित्व नजर नहीं आता है। बहुत से लोगों के मन में ये भी सवाल उठता है कि क्या रावण के पहले लंका का अस्तित्व था और अगर था तो उस समय वहां पर कौन राज करता था। आज इन्हीं सवालों को जानने की कोशिश करेंगे।
रावण राज मतलब रावण का साम्राज्य जो रावण के पहले अस्तित्व में नहीं था, लेकिन लंका रावण के पहले अस्तित्व में था। पर क्या आपको पता है कि लंका का निर्माण रावण ने नहीं किया था। लंका रावण के भाई कुबेर का था जिसे धन का देवता भी कहा जाता है। धन के देवता कुबेर ने सोने की नगरी लंका बनवाई थी। लेकिन बाद में दुष्ट रावण ने अपने ही भाई को लंका से खदेड़ कर निकाल कर दिया और लंका पर राज करने लगा।
रामायण के उत्तर कांड के मुताबिक लंका का निर्माण भगवान विश्वकर्मा ने किया था लेकिन उनके भाईयों माल्यवानस सुमाली और माली ने उसे अपने कब्जे में कर लिया। इन भाईयों ने मिलकर वर्षों तक यहां राज किया और फिर स्वर्ग पर हमला बोल दिया। इस लड़ाई में स्वर्ग के देवता भगवान विष्णु से करारी हार पाने के बाद शर्म से ये वापस लंका नहीं जा सके।
इसके बाद कुबेर ने लंका को अपने कब्जे में ले लिया और यक्ष साम्राज्य का विस्तार किया जिसके रक्षक राक्षस थे। उनका भाई रावण जो आधा मनुष्य और आधा राक्षस था उसने बाद में कुबेर के हाथ से लंका को छीन लिया और लंका पर राज करने लगा, इस तरह वह राक्षसों के साम्राज्य का राजा कहलाने लगा।
राम के हाथों रावण की मृत्यु के बाद रावण के भाई विभीषण को लंका की गद्दी सौंपी गई।
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