Rakshabandhan 2022 Puja Vidhi: रक्षाबंधन का त्योहार भाई बहन के प्रेम का प्रतीक है। हिंदू धर्म में रक्षाबंधन का विशेष महत्व है। रक्षाबंधन का त्योहार हर साल सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल रक्षाबंधन का त्योहार 12 अगस्त दिन शुक्रवार को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा। रक्षाबंधन के पावन दिन बहनें अपने भाई के कलाई में राखी बांधती है और भाई की लंबी उम्र की कामना करती हैं, जबकि भाई बहन की रक्षा का वचन देता है। इस दिन भाई के कलाई में राखी बांधते समय सही नियमों का पालन करना बेहद जरूरी होता है। आइए जानते हैं रक्षाबंधन में भाई की कलाई में राखी बांधते समय किन बातों का ध्यान देना बेहद जरूरी है।
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इन नियमों का रखें ध्यान
राखी बंधवाते समय सबसे पहले भाई अपने सिर पर कोई रुमाल रख लें। खाली सिर से राखी नहीं बंधवानी चाहिए। इसके बाद बहन भाई के माथे पर चंदन, कुमकुम व अक्षत से तिलक लगाएं। रक्षाबंधन की थाली सजाते समय कभी भी थाली में टूटे हुए अक्षत के दाने न रखें। ऐसा करना अशुभ माना जाता है। इसके अलावा ध्यान रहें राखी बांधते समय भाई की कलाई में हमेशा तीन गांठ बांधकर ही राखी बांधनी चाहिए। ऐसा करना शुभ माना जाता है। राखी में तीन गांठ लगाने के पीछे महत्वपूर्ण वजह बताई गई है।
तीन गांठ से बांधी जाती है राखी
धार्मिक मान्यता के अनुसार राखी बांधते समय इसमें तीन गांठ लगाना शुभ माना जाता है। तीन गांठ का संबंध भगवानों से जुड़ा हुआ है। यानी भगवान ब्रह्मा विष्णु और महेश। हर गांठ इन भगवान के नामों को समर्पित होता है। पहली गांठ भाई की लंबी उम्र के लिए, दूसरी गांठ खुद की दीर्घायु के लिए और तीसरी गांठ भाई-बहन के पवित्र रिश्ते की दीर्घायु के लिए बांधी जाती है।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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