ऐसी लड़कियों को नहीं करनी चाहिए श‍िवलिंग की पूजा, जानें वजह

आध्यात्म
Updated Dec 11, 2017 | 08:26 IST | Medha Chawla

अव‍िवाहित लड़क‍ियों को शिवलिंग की पूजा नहीं करने दी जाती है। जानें क्‍या है इस परंपरा की वजह...

भगवान शिव की पूजा में विधि-विधान का बहुत खयाल रखा जाता है  |  तस्वीर साभार: BCCL

नई द‍िल्‍ली: यूं तो सच्‍चे मन से पूजा करने पर भगवान श‍िव मनचाहे जीवनसाथी का वरदान देते हैं और इसी मनोकामना के साथ कुंवारी लड़क‍ियां भोलेनाथ का पूजन भी करती हैं। लेकिन भगवान श‍िव के श‍िवलिंग रूप की उनको पूजा करने की मनाही है। 

आमतौर पर शिवलिंग की पूजा करने के बाद श्रद्धालु इसके आसपास घूमकर परिक्रमा करने को सही मानते हैं, लेकिन अविवाहित स्त्री को इसके चारों ओर घूमने की भी इजाज़त नहीं दी जाती। ऐसा इसलिए क्योंकि भगवान शिव बेहद गंभीर तपस्या में लीन रहते हैं।

Also Read: यहां है वाल्‍मीकि का 1300 साल पुराना मंदिर, भगवान श‍िव से है खास कनेक्‍शन

रखा जाता है श‍िव जी की तपस्‍या का ध्‍यान 
जब भी भगवान शिव की पूजा की जाती है तो विधि-विधान का बहुत खयाल रखा जाता है। केवल मनुष्य ही नहीं, देवता व अप्सराएं भी भगवान शिव की पूजा करते समय बेहद सावधान रहती हैं। 

Also Read: श‍िव देते हैं मनचाहे जीवनसाथी का वरदान, ये है पूजा का व‍िधान

Also Read: श‍िव क्‍यों लगाते हैं शरीर पर भस्‍म

ऐसा इसलिए कि कहीं देवों के देव महादेव की समाधि भंग न हो जाए। दरअसल जब शिव की समाधि भंग होती है तो वे क्रोधित हो जाते हैं और अपने रौद्र रूप में प्रकट होते हैं जिसे शांत कर सकना किसी असंभव कार्य के समान है। इसी कारण से महिलाओं को शिव पूजा न करने के लिए कहा गया है।

Also Read: जानें क्‍यों भगवान श‍िव के साथ उनके वाहन नंदी की भी पूजा होती है... 

ये न चढ़ाएं श‍िव जी को 
श‍िव पूजन हर मनोकामना को पूरा करने वाला माना गया है। लेकिन कुछ चीजों का प्रयोग श‍िव जी की पूजा में न‍िषेध है। श‍िव की पूजा में कभी भी तुलसी का प्रयोग नहीं होता। वहीं हल्‍दी भी श‍िव पूजा में नहीं रखी जाती है। दरअसल, इसे सौंदर्य का प्रतीक माना जाता है इसलिए इसे महादेव की पूजा में स्‍थान नहीं द‍िया गया है। 

वहीं सिंदूर का प्रयोग भी श‍िव पूजा में नहीं होता है। माना जाता है कि श‍िव जी संहारक हैं जबकि सिंदूर सुहागिन महिलाओं का गहना है। लिहाजा इसे श‍िव पूजन से दूर रखा जाता है। 

धर्म व अन्‍य विषयों की Hindi News के लिए आएं Times Now Hindi पर। हर अपडेट के लिए जुड़ें हमारे FACEBOOK पेज के साथ।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

अगली खबर