Women's Day 2020: पुरुषों से ज्यादा कर्तव्यनिष्ठ होती हैं महिलाएं, जानिए क्या कहती है चाणक्य नीति

आध्यात्म
Updated Mar 08, 2020 | 06:49 IST | Ritu Singh

Women's Day 2020, Chanakya Niti For Women: चाणक्य ने महिलाओं को पुरुषों से कई मामलों में ज्यादा ताकतवार और संयमित माना हैं। चाणक्य ने कहा है कि जो पुरुष महिला का सम्मान नहीं करते, वह कभी जीवन में सफल नहीं होते।

चाणक्य नीति में महिलाओं को पुरुषों से ज्यादा कर्तव्य निष्ठ माना गया है
women more courageous and controlling their senses than men, चाणक्य ने भी महिलाओं को कुछ मामलों में पुरुषों से बेहतर माना है 
मुख्य बातें
  • महिलाएं धन संचय में निपुण होती हैं
  • महिलाएं अपनी इंद्रियों पर रखती नियंत्रण रखती हैं
  • चुनौती स्वीकार करने में महिलाएं आगे होती हैं

चाणक्य भारतीय इतिहास में अपने विचारों, नीतियों और कुशल शिक्षक के रूप में जाने गए हैं। उनकी नीतियां व्यवहारिकता की कसौटी पर आज भी खरी हैं। चाणक्य ने एक इंसान के जीवन से जुड़ी हर  स्थिति और परिस्थित के संबंध में बताया है।

शत्रु, मित्र, व्यवसाय, लोगों की पहचान आदि से जुड़ी तमाम बातें अपनी चाणक्य नीति में बताई हैं। ये नीतियां मौजूदा समय में भी सार्थक हैं। चंद्रगुप्त में राजा के गुण देखना और भारतवर्ष का सम्राट बनना उनकी पारखी नीतियों का ही परिणाम था।

आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में महिलाओ को पुरुषों से ज्यादा प्रभावशाली माना है। उनका मानना था कि यदि महिला किसी कार्य को चाह ले तो वह उसे हासिल कर के ही दम लेती हैं। इसलिए महिलाओं का सम्मान करने वालों को वह सफल व्यक्ति मानते थे।

चाणक्य ने महिलाओं के इन गुणों की प्रशंसा हमेशा की है

धन संचयी होती हैं महिलाएं

चाणक्य ने महिलाओं को पुरुषों की तुलना में ज्यादा धन संचयी माना है और यही कारण वह पुरुषों को अपने धन की मालिकन पत्नी को बनाने की सलाह देते हैं। चाणक्य ने अपनी नीतियों में बताया है कि महिलाएं वर्तमान के साथ भविष्य की भी चिंता करती हैं और यही कारण है कि वह धन को संचय करने में पुरुषों से ज्यादा सक्षम होती हैं। वह जरूरतों पर खर्च को प्राथमिकता देती हैं। जबकि पुरुष वर्तमान में रहना और धन को सुख-सुविधाओं पर ज्यादा खर्च करते हैं।

विक्षम परिस्थितियों में न घबराने वाली होती हैं
चाणक्य नीति बताती है कि महिलाएं विक्षम परिस्थितियों में पुरुषों के मुकाबले ज्यादा तटथ रहती हैं। वे विपरीत परिस्थितियों का मुकाबाल चालाकी से कर  लेती हैं और वे पुरुषों से ज्यादा चालाक होती हैं। उनके अंदर समझदारी ज्यादा होती है और वे अपने बुद्धि-विवेक से ज्यादा बेहतर प्रदर्शन करती हैं। वह विपरीत परिस्थितियों से टूटती जरूर है, लेकिन जब वे मुकाबले को ठान लें तो उनके आगे हर किसी को झुकना ही पड़ता है।

साहसी और चुनौतियां स्वीकार करने वाली होती हैं
चाणक्य की नीतियों में लिखा है कि महिलाएं पुरुषों के मुकबाले छह गुना ज्यादा साहसी होती हैं। भले ही एक महिला को पुरुष की तुलना में अधिक नाजुक  समझा जाता है, लेकिन साहस के मामले में वह पुरुषों को भी पीछे छोड़ देती हैं। इतना ही नहीं उन्होंने महिलाओं में चुनौतियों को स्वीकार करने के अद्भुद शक्ति बताई है। उनका कहना है कि जब वह किसी चीज को करने की ठान लेती हैं तो वह पुरुषों के मुकाबले 8 गुना ज्यादा कार्य के प्रति समर्पित हो जाती हैं।

महिलाएं अपनी इंद्रियों पर काबू रखने वाली होती हैं
चाणक्य ने महिलाओं के इंद्रियों पर काबू करने की शक्ति को भी पुरुषों से ज्यादा माना है। चाणक्य नीति कहती है कि पुरुषों के मुकाबले महिलाएं आठ गुना ज्यादा अपनी इंद्रीयों पर काबू रख सकती हैं।

अपने कर्तव्य के प्रति समर्पित होती हैं
महिलाएं अपने कतर्व्य और समर्पण के प्रति बेहद संजीदा होती हैं। वे जिसे प्रेम करती हैं उसके लिए अपने सर्वस्व को निछावर कर देती हैं और जिससे नफरत करती हैं उससे बदला लेने के लिए अपने प्राण भी गंवाने से नहीं चूकतीं।

चाणक्य ने अपनी नीति में स्त्री और पुरुष की समान रूप से कमियां और अच्छाईयां बताई हैं, लेकिन लोगों ने स्त्रियों के हमेशा विपरीत पक्ष को ही उजागर किया है। जबकि चाणक्य ने महिलाओं के बहुत से ऐसे गुण बताएं है जो पुरुषों से ज्यादा बेहतर हैं।

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