नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा के साथ हनुमान जी की पूजा का भी बहुत महत्व होता है। दरअसल हनुमान जी और भैरव बाबा देवी के साथ हमेशा ही रहते हैं। इनके बिना देवी की पूजा अपूर्ण होती है। नवरात्रि के समय में हनुमान जी की पूजा का विशेष फल प्राप्त होता है। वैसे तो मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की पूजा का विशेष दिन होता है, लेकिन नवरात्रि में पूरे नौ दिन हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए। संकटमोचन की पूजा से देवी भी प्रसन्न होती हैं और भक्तों को देवी के साथ बजरंगबली का भी आशीर्वाद मिलता है। तो आइए जानें नवरात्रि में हनुमान जी की पूजा कैसे करें।
नवरात्रि में ऐसे करें हनुमान जी की पूजा
नवरात्रि में देवी पूजा के बाद हनुमान जी की पूजा करें। उनके आगे हाथ जोड़ कर उनकी कृपा की प्रार्थना करें और इसके बाद हनुमान को गेंदे का फूल या लाल गुलाब का फूल अर्पित करें। साथ ही उन्हें लाल ही रंग का भोग चढ़ाना चाहिए। बेसन के लड्डू या लाल पेड़ा हनुमान जी को बेहद प्रिय है। प्रसाद में तुलसीदल का प्रयोग जरूर करें। साथ ही चमेली के तेल में सिंदूर मिलकर उन्हें लगाना चाहिए। हालांकि महिलाओं को हनुमान जी को स्पर्श करना मना है इसलिए वह बजरंगबली के चरणों के पास सारी चीजें अर्पित कर सकती हैं। इसके बाद हनुमान चालीसा का पाठ करें। नवरात्रि में सुंदरकांड का पाठ भी करना चाहिए। हनुमानजी को लाल वस्तुएं चढ़ाना शुभ माना जाता है। हनुमान जी की आराधना पूर्व दिशा की ओर मुंह करके करनी चाहिए।
बजरंगबली की अष्टसिद्धियों के हर कार्य होता है संभव
'अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता, अस-वर दीन्ह जानकी माता'। हनुमान चालिसा में ये चौपाई आपने जरूर पढ़ी होंगी। असल में ये आठ सिद्धियां हनुमान जी को देवी सीता ने ही प्रदान की थीं। ये अष्ठसिद्धियां हनुमानजी को और ताकतवर बनाती हैं। यही कारण है कि ऐसा कोई भी कार्य नहीं जो, हनुमान जी न कर सकें। वह अपने भक्तों को हर संकट से मुक्त करने वाले माने गए हैं। महाबली हनुमान ना सिर्फ 'अष्ट सिद्धियां' प्रदान करते हैं बल्कि नौ निधियों के प्रदाता भी हनुमान जी ही हैं। इन आठ प्रकार की सिद्धियों के बल पर इंसान ना सिर्फ भय और बाधाओं पर विजय प्राप्त करता है, बल्कि कई असंभव से लगने वाले कार्यों को भी बड़ी ही आसानी से पूरा कर सकता है।
ये हैं आठ प्रकार की सिद्धियां
महाबली हनुमान द्वारा उपासकों को प्रदान की जाने वाली आठ प्रकार की सिद्धियां इस प्रकार हैं। (1) अणिमा (2) महिमा (3) गरिमा (4) लघिमा (5) प्राप्ति (6) प्राकाम्य (7) ईशित्व (8) वशित्व।
तो नवरात्रि में हनुमान जी की पूजा से आपको दोगुना पुण्यलाभ भी मिलेगा और इन अष्ठसिद्धियों के दाता की कृपा भी।
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