इस समय बाहर निकला संभव नहीं और ज्यादातर मंदिर कोरोना वायरस से बचने के लिए बंद भी कर दिए गए हैं, लेकिन यदि मन में भी आप इन मंदिरों का स्मरण कर देवी के दर्शन का लाभ मिल सकता है। नवरात्रि में दुर्गा माता के विभिन्न मंदिरों के दर्शन का लाभ बहुत महत्व रखता है। इन मंदिरों में देवी का दर्शन-पूजन का विशेष महत्व इनके चमत्कारिक गुणों के कारण ज्यादा माना गया है। यदि आप इन मंदिरों में दर्शन करने को नहीं भी जा पा रहे तो आपको इन मंदिरों का दूर-दर्शन यानी मन से दर्शन करना और इनके बारे में पढ़ना भी पुण्यदायी होगा।
1. वैष्णों देवी, कटरा, जम्मू और कश्मीर
सबसे ज्यादा वैष्णों देवी मंदिर में ही भक्तों का रेला लगता है। ये मंदिर देवी माता के बड़े तीर्थस्थल के रूप में माना गया है। जम्मू में ऊंची पहाड़ी पर स्थित वैष्णों देवी माता के इस मंदिर में देवी के तीन स्वरुपों के दर्शन एक साथ होते हैं। यहां देवी पिंडी स्वरूप में विराजमान हैं और उन्हें वैष्णवी नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि देवी के बुलावे के बिना लोग यहां दर्शन को चाहे जितने प्लान बना लें पहुंच नहीं पाते, जब तक उनके मन में सच्ची श्रद्धा और देवी के दर्शन की ललक न हो।
2. ज्वाला देवी मंदिर, कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में ज्वाला देवी माता का मंदिर अपने चमत्कारिक गुणों के कारण प्रसिद्ध है। इस मंदिर में सदियों से ज्वाला जल रही है और ये कभी नहीं बुझती। इस मंदिर में देवी के नौ स्वरूप महाकाली, अन्नपूर्णा, चंडी, हिंगलाज, विंध्यावसनी, महालक्ष्मी, सरस्वती अंबिका और अंजीदेवी की ज्योति हमेशा जलती रहती है। इस मंदिर को मां को जोता वाला मंदिर से स्थानीय लोग बुलाते।
3. मनसा देवी, हरिद्वार, उत्तराखंड
उत्तराखंड के हरिद्वार में स्थित मनसा देवी का ये मंदिर मनोकामना पूर्ति के लिए प्रसिद्ध है। माना जाता है कि यहां आने वाले हर भक्त की कामना जरूर पूरी होती है। ऊंचे पहाड़ों पर स्थित इस मंदिर में मौजूद पेड़ पर भक्त अपनी मनोकामना का रक्षासूत्र बांध कर जाते हैं और जब मन्नत पूरी हो जाती है तो इसे खोलने भी आते हैं। नवरात्रि में इस मंदिर में विशेष रूप से भक्तों का रेला लगता है।
4. शारदा मंदिर, मैहर, मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश के सतना में स्थित शारदा देवी का मंदिर बहुत रहस्यमयी माना गया है। इस मंदिर में कहा जाता है रात के समय कोई नहीं रुक सकता। यदि कोई छुप कर रात में रुक भी जाए तो अगले दिन उसकी मौत हो जाती है। इस मंदिर में देवी शारदा के साथ देवी काली, दुर्गा, श्री गौरी शंकर, शेष नाग, श्री काल भैरवी, भगवान, फूलमति माता, ब्रह्म देव, हनुमान जी और जलापा देवी की भी पूजा होती है।
5. करणी माता मंदिर, बीकानेर, राजस्थान
राजस्थान के बीकानेर में करणी माता के मंदिर में इंसान ही नहीं चूहे भी दर्शन करने आते हैं। इस मंदिर में चूहों का राज है और यहां हमेशा चूहे रहते हैं। यही कारण है कि इसे चूहे वाला मंदिर भी कहा जाता है। मां जगदंबा का ही एक स्वरूप हैं करणी माता। यहां नवरात्रि में विशेष पूजा भी होती है और इनका दर्शन करना बहुत फलदायी माना गया है।
6. कामाख्या मंदिर, गुवाहाटी, असम
ऊंची पहाड़ी पर स्थित कामख्या मंदिर में दस महाविद्या, काली, तारा, षोडशी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला भी मौजूद हैं। मान्यता है कि इस मंदिर में महिलाएं पीरियड्स के दौरान भी आ सकती है। यहां देवी के दर्शन भर से जीवन के संकट दूर हो जाते हैं।
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