Laatu Devta Mandir: इस रहस्यमयी मंदिर में मणि सहित कैद हैं नाग देवता, मुंह-आंख पर पट्टी बांधकर होती है पूजा

Laatu Devta Mandir of Uttarakhand: देवभूमि उत्तराखंड में कई रहस्यमयी मंदिर है। इनमें से एक है चमोली में स्थित लाटू देवता का मंदिर। इस मंदिर में पुजारी मुंह और नाक में पट्टी बांधकर पूजा करता है।

Laatu Devta Mandir
Laatu Devta Mandir 
मुख्य बातें
  • उत्तराखंड में स्थित लाटू देवता का मंदिर काफी रहस्यमयी है।
  • इस मंदिर में नागराज अद्भुत मणि के साथ रहते हैं।
  • भक्तों को मंदिर के अंदर दर्शन करने की इजाजत नहीं है। 

नई दिल्ली. पहाड़ी राज्य उत्तराखंड को देवभूमि भी कहा जाता है। यहां पर कई मंदिर और धार्मिक स्थल है, जो अपने आप में कई रहस्यों को समेटे हुए है।  चमोली जिले में स्थित लाटू देवता का मंदिर ऐसा ही एक है। यहां पर भक्तों को मंदिर के अंदर दर्शन करने की इजाजत नहीं है। 

मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर में नागराज अद्भुत मणि के साथ रहते हैं। इसे आम लोग नहीं देख सकते हैं। यही नहीं, पुजारी भी अपनी आंखों पर पट्टी बांधकर पूजा करते हैं ताकि वह महान रूप देखकर डर न जाएं। 

स्थानीय लोगों का मानना है कि मणि की तेज रोशनी से इंसान अंधा भी हो सकता है। यही नहीं, पुजारी के मुंह की गंध तक देवता तक नहीं पहुंचनी चाहिए और नागराज की विषैली गंध पुजारी की नाक तक पहुंचनी चाहिए। 

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इस दिन खुलते हैं कपाट 
मंदिर के दरवाजे साल में एक बार वैशाख महीने की पूर्णिमा के मौके पर खुलते हैं। कपाट खुलने के वक्त भी मंदिर का पुजारी अपनी आंख और मुंह पर पट्टी बांधता है। 

कपाट खुलने के बाद श्रद्धालु देवता के दर्शन दूर से ही करते हैं। इस मंदिर में विष्णु सहस्रनाम और भगवती चंडिका पाठ का आयोजन होता है। वहीं, मार्गशीर्ष अमावस्या को कपाट बंद होते हैं।

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नंदा देवी के भाई हैं लाटू देवता 
पौराणिक कथाओं के अनुसार लाटू देवता उत्तराखंड की आराध्या देवी नंदा देवी के धर्म भाई हैं। ये मंदिर हर 12 साल में होने वाली श्री नंदा देवी राज जात की यात्रा का 12वां पड़ाव भी है।

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लाटू देवता वांण से लेकर हेमकुंड तक अपनी बहन नंदा देवी की अगवानी करते हैं। वैशाख पूर्णिमा को हर साल यहां स्थानीय मेला लगता है जिसमें दूर-दूर से लोग आकर शामिल होते हैं।

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