Mohini Ekadashi : मृत्‍यु के बाद नहीं जाना पड़ेगा नर्क अगर इस विधि से करेंगे व्रत

आध्यात्म
Updated Apr 25, 2018 | 18:51 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

वैशाख महीने की एकादशी को मोहिनी एकादशी मनाई जाती है। विधि विधान पूर्वक इस एकादशी का व्रत रखने से मोह का बंधन ढीला होता है और मनुष्य ईश्वर का सानिध्य प्राप्त कर लेता है। इस व्रत को करने से आपके सभी पुराने पाप धुल सकते हैं।

puja vidhi  |  तस्वीर साभार: BCCL

नई दिल्‍ली: वैशाख महीने की एकादशी को मोहिनी एकादशी मनाई जाती है। ज्‍यादातर लोगों को मोहिनी एकादशी के बारे में कोई खास जानकारी नहीं है। लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि इस व्रत को करने से आपकी कोई भी मनचाही इच्‍छा पूरी हो सकती है। यही नहीं इस व्रत को करने से आपके सभी पुराने पाप धुल सकते हैं तथा मोहजाल और पातक समूह से छुटकारा पाया जा सकता है। माना जाता है कि जब इंसान मोह माया के जाल में फंसता है तभी वह पाप करता है।

लेकिन विधि विधान पूर्वक इस एकादशी का व्रत रखने से मोह का बंधन ढीीला होता है और मनुष्य ईश्वर का सानिध्य प्राप्त कर लेता है। इस व्रत का प्रभाव काफी ज्‍यादा होता है इसलिये अगर मृत्‍यु के बाद नर्क के दरवाज़े खुद के लिये बंद करने हों तो इसे पूरे विधी विधान से करना ना भूलें। अगर आप को मोहिनी एकादशी का व्रत करना है तो एक दिन पहले यानी की दशमी तिथि की रात्रि से ही व्रत के नियमों का पालन करना शुरू कर दें।

Also read: घर से न‍िकलने पर जपें ये मंत्र, बाल भी बांका नहीं कर पाएगा कोई

mohini ekadashi

Also read: काले धागे का इस तरह से करें प्रयोग मिलेगा ये फायदा!

व्रत की विधि-

  • व्रत करने वाले हैं तो सुबह सूर्योदय से पहले उठें और नित्य क्रिया खत्‍म कर के स्‍नान कर लें।
  • स्‍नान के लिये किसी पवित्र नदी में नहाना चाहिए। इसके लिये आप कुश और तिल के लेप का प्रयोग करें।
  • नहाने के बाद साफ कपड़े पहनें।
  • इस व्रत के लिए आपको भगवान विष्णु और श्री राम की पूजा करनी होगी।
  • पूजा करने से पहले व्रत का संकल्‍प दोनों भगवान के सामने जरूर लें।
  • देवों का पूजन करने के लिये कलश स्थापना करें। कलर के ऊपर लाल रंग का वस्त्र बांध कर पहले कलश का पूजन करें।
  • इसके बाद इसके ऊपर दोनों भगवान का चित्र या प्रतिमा रखें तत्पश्चात भगवान की प्रतिमा को स्नानादि से शुद्ध कर साफ कपड़ा पहनाना चाहिए।
  • फिर धूप, दीपक से आरती उतारें और मीठे फलों का भोग लगाएंं।
  • प्रसाद बांटने के बाद ब्राह्मणों को भोजन ग्रहण करवाएं और उन्‍हें खुशी मन से दक्षिणा दें।
  • रात में भगवान जी का कीर्तन करते हुए मूर्ति के पास ही सोएं। 

इस व्रत को पूरी विधि विधान से करने पर आपकी सारी तकलीफों का अंत होगा और भगवान राम और विष्‍णु की कृपा आप पर सदा बरसेगी।

धर्म व अन्‍य विषयों की Hindi News के लिए आएं Times Now Hindi पर। हर अपडेट के लिए जुड़ें हमारे FACEBOOK पेज के साथ। 

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

अगली खबर