जीवन में सुख-दुख और समस्याओं का आना लगता रहता है। कई बार समस्याएं ऐसी होती हैं कि इंसान उनसे हार मानने लगता है और तब उसे ज्योतिष की याद आती है। समसयाओं के आधार पर कई बार लोग ज्योतिष के उपाय खुद ही करने लग जाते हैं। कई बार ये फायदेमंद भी होती है और कई बार इससे फायदे तो नहीं मिलता उलटे नुकसान होना शुरू हो जाता है। ऐसा तभी होता है जब समस्या तो एक सी होती है लेकिन उपाय एक से नहीं होते। यानी हर किसी के लिए एक ही समस्या का उपाय अलग-अलग होता है। ऐसा जातक के ग्रह-नश्त्रों के आधार पर तय होता है।
ग्रहों की स्थित, उनके घर और स्थान पर उपाय भी बदलते रहते हैं। रत्न या धातु ग्रहों के आधार पर बने हैं लेकिन ये जरूरी नहीं होता कि ग्रह की दशा कमजोर हो तो आपको धातु सूट ही करेगा। इसलिए यहां कुछ ऐसे ज्योतिष उपाय बताए जा रहे हैं जो ज्यादातर लोग अपने आप कर बैठते हैं लेकिन वह जरूरी नहीं कि हर किसी के लिए फलदायी हो। इसलिए बिना सलाह के इन उपायों को न आजमाएं।
मनी प्लांट और बुध ग्रह
कहते हैं कि मनी प्लांट लगना घर में बरकत लाता है और ये जितना हरा-भरा होता है उतनी ही आर्थिक स्थिति भी बेहरत होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर आपका कुंडली में बुध ग्रह खराब स्थित में हो तो आपको ये पौधा फायदे की जगह नुकसान दे सकता है। ये पौधा तब आपके घर का बचा पैसा भी खत्म करा सकता है। इसलिए बिना सोचे समझे पौधा तक नहीं लगाना चाहिए।
पुखराज पहनना
बृहस्पति को खुश करने के लिए अगर आप ये सोच मर पुखराज पहनते हैं इससे आपके सौभाग्य का दरवाजा खुल जाएगा या विवाह अथवा संतान सुख की प्राप्ति होगी तो संभावना जरूरी नहीं की पूरी हो जाए। कई बार यदि जातक की कुंडली में बृहस्पति शत्रु के घर में बैठा हो तो पुखराज पनना भारी पड़ सकता है। ऐसी स्थित में पुखराज पहनना शुभ फल के बजाय अशुभ फल दे सकता है। तो याद रखें ग्रहों के रत्न खुद से कभी न पहनें, जब भी पहने अपने ग्रह-नशत्रों को देखने के बाद पहनें।
ग्रहों के आधार पर दान
निश्चित तौर पर दान करना बेहद शुभदायी होता है लेकिन आप ग्रहों के आधार पर अगर दान करने जा रहे तो एक बार ज्योतिष सलाह जरूर लें। क्योंकि कुछ दान आपके लिए नुकसानदेह साबित हो सकते हैं। हर समय दान देना भी नहीं चाहिए। ज्योतिष के अनुसार जब ग्रह की स्थित उच्च हो तो उससे जुड़े हुए दान नही देना चाहिए। ग्रहों से जुड़े दान अगर ग्रह के बेहतरीन स्थिति पर होने पर किया जाए तो वह उस ग्रह को कमजोर बनाता है। ठीक इसी तरह अगर कुंडली में बृहस्पति दसवें या चौथे भाव में हो तो कभी मंदिर के लिए दान नहीं देना चाहिए।
मोती धारण करना
मोती तब धारण की जाती है जब चंद्रमा बेहतर न हो या कमजोर हो। लेकिन कुंडली में चंद्रमा नीच का है तो मोती धारण करना आपके लिए बेहद अशुभ साबित होगा। ऐसी स्थिति में मोती धारण करना आपको डिप्रेस बना सकता है या कुंठित कर सकता है।
तांबे का दान करना
कुंडली में सूर्य सातवें या आठवें भाव में है तो ऐसे जातक को तांबे का दान करना बेहद हानिकारक साबित होगा। सूर्य को उच्च करने के लिए तांबे का दान किया जाता है और पहना भी जाता है लेकिन तभी जब सूर्य कि स्थिति यह आदेश दे रही हो। खराब स्थित में तांबे का दान धन,मान-सम्मान सब कुछ गंवा देता है।
तो याद रखें ज्योतिष के उपाय कारगर होते हैं लेकिन उसी तरह जिस तरह हर बीमारी का इलाज हर किसी के लिए एक नहीं होता। इसलिए उपाय अपनाने से पहले ज्योतिष विशेषज्ञ की राय जरूर लें।
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