10 जनवरी 2020 को साल का पहला चंद्र ग्रहण लग रहा है। इस दिन पौष पूर्णिमा के कारण इसका महत्व और बढ़ गया है। यह चंद्रग्रहण 10 जनवरी की रात 10 बजकर 38 मिनट से शुरू होकर रात के 2 बजकर 42 मिनट तक चलेगा। लगभग 4 घंटे का ये ग्रहण भारत, यूरोप, अफ्रीका, एशिया और ऑस्ट्रेलिया में दिखेगा।
वैज्ञानिक तौर पर ग्रहण महज एक खगोलीय घटना है लेकिन धार्मिक मान्यताएं इसके अपने तर्क देती हैं और इसका प्रभाव मानव जाति पर बताती हैं। चंद्रग्रहण के दौरान कई सारी बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, चंद्रग्रहण एक अशुभ घटना है और इसकी छाया से बचने के लिए लोग ग्रहण के बाद स्नान-दान करते हैं। वहीं गर्भवती महिलाओं को भी अपनी सेहत का खास ख्याल रखने की सलाह दी जाती है। आइये जानते हैं क्या हैं वो...
चंद्र ग्रहण से गर्भवती महिलाओं पर असर
इस वजह से हो सकती है बेचैनी और घबराहट
इस दौरान गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण के दौरान बाहर आने से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं जिसकी वजह से शरीर में बेचैनी, पसीना, घबराहट और थकान आदि महसूस होने लगती है। यह नहीं इससे ब्लड प्रेशर की भी समस्या बढ़ जाती है।
नुकीली चीजें न करें इस्तेमाल
ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को नुकीली चीजें इस्तेमाल नहीं करनी चाहिए। शास्त्रों के अनुसार न सिर्फ गर्भवती महिला बल्कि उसके पति को भी ग्रहण के समय इन चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिये। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से उसके शिशु के अंगों को हानि पहुंच सकती है।
ग्रहण के दौरान बना खाने से होगा बुरा प्रभाव
ग्रहण के समय बनाया गया भोजन हानिकारक हो जाता है। गर्भवती महिलाओं को इसे खाने से बचना चाहिये। तैयार भोजन में अगर तुरंत तुलसी के पत्ते डाल दें तो वह शुद्ध ही रहता है।
ग्रहण समाप्त होने के बाद गर्भवती महिलाओं को तुरंत ही स्नान कर लेना चाहिये नहीं तो उनके होने वाले बच्चे को त्वचा संबधी बीमारी होने का खतरा हमेशा बना रहेगा।
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