सूर्य को जल देते हुए जरूर करें इन मंत्रों का जाप, तभी होगी पूरी आस

उपाय-टोटके
Updated Sep 22, 2019 | 08:42 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

सूर्य पूजा हर किसी को करना चाहिए। सूर्य अगर बलवान होता है तो इंसान को जीवन में मान-सम्मान, धन-वैभव, सुख-शांति सब कुछ मिलता है। रविवार के दिन सूर्य पूजा का खास महत्व होता है।

 surya bhagwan
Surya bhagwan  |  तस्वीर साभार: Instagram
मुख्य बातें
  • सूर्य को जल देने से जीवन में समृद्धि का वास होता है
  • जल देने वाले पात्र में लाल पुष्प और अक्षत जरूर रखें
  • सूर्य की पूजा के बाद आदित्यस्त्रोत का पाठ जरूर करें

 

रविवार के दिन सूर्य ग्रह का होता है। इस दिन यदि सूर्य भगवान को नियमित रूप से जल दिया जाए तो इंसान को जवीन में सब कुछ मिलता है जिसकी वह कामना करता है। सूर्य उपासना के साथ आदित्यस्त्रोत पाठ करना और भी लाभकारी होता है। यदि आपकी कुंडली में सूर्य कमजोर है तो आपके जीवन में सब कुछ आ कर भी चला जाता है और आप जितनी मेहनत कर रहे होते हैं उसका एक तिहाई भी आपको नहीं मिलता।

जागृत देवताओं में सूर्य को माना जाता है। इसलिए जरूरी है कि रविवार के दिन जरूर सूर्य उपासना करनी चाहिए। तो जानें कैसे करनी चाहिए सूर्य की उपासना।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
A post shared by Vikash patel (@vikashthegodfather) on

अति दुर्लभ मंत्र होता है राष्ट्रवर्द्धन का करें जाप
रविवार को सूर्य को जल चढ़ाने के बाद सूर्य मंत्र का जाप करने और सूर्य नमस्कार करने से बल, बुद्धि, विद्या, वैभव, तेज, ओज, पराक्रम व दिव्यता सब कुछ की प्राप्ति होती है। सूर्य भगवान का एक अति दुर्लभ मंत्र होता है राष्ट्रवर्द्धन। इस मंत्र का जाप जल चढ़ा कर करना चाहिए।

'उदसौ सूर्यो अगादुदिदं मामकं वच:। यथाहं शत्रुहोऽसान्यसपत्न: सपत्नहा।।
सपत्नक्षयणो वृषाभिराष्ट्रो विष सहि:। यथाहभेषां वीराणां विराजानि जनस्य च।।'

अर्घ्य देने वाले जल में जरूर शामिल करें ये चीजें
रविवार को सूर्य भगवान को जल देने वाले लोटे में लाल रंग का पुष्प और अक्षत जरूर होना चाहिए। याद रखें जब भी आप सूर्य को जल दें उसका छींटा कभी पैर पर नहीं पड़ना चाहिए। सूर्य को दिए जाने वाले अर्घ्य के जल को आप किसी पात्र में एकत्र करें फिर इस जल को दक्षिण नासिका, नेत्र, कान व भुजा को स्पर्श करने के बाद इस मंत्र का उच्चारण करें।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
A post shared by jnana (@jnana_yoga) on

ॐ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते। अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।। ॐ सूर्याय नम:, ॐ आदित्याय नम:, ॐ नमो भास्कराय नम:। अर्घ्य समर्पयामि।।

सूर्य का ध्यान मंत्र का भी जाप करें
ध्येय सदा सविष्तृ मंडल मध्यवर्ती। नारायण: सर सिंजासन सन्नि: विष्ठ:।। केयूरवान्मकर कुण्डलवान किरीटी। हारी हिरण्यमय वपुधृत शंख चक्र।। जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महाधुतिम। तमोहरि सर्वपापध्नं प्रणतोऽस्मि दिवाकरम।। सूर्यस्य पश्य श्रेमाणं योन तन्द्रयते। चरश्चरैवेति चरेवेति…!

13 बार करना चाहिए सूर्य नमस्कार
सूर्य नमस्कार 13 बार किया जाना चाहिये। साथ ही हर बार सूर्य मंत्र का जाप करना चाहिए। इस मंत्र में भगवान सूर्य के इन13 नामों का जाप करें:

1. ॐ मित्राय नमः, 2. ॐ रवये नमः, 3. ॐ सूर्याय नमः, 4.ॐ भानवे नमः, 5.ॐ खगाय नमः, 6. ॐ पूष्णे नमः,7. ॐ हिरण्यगर्भाय नमः, 8. ॐ मरीचये नमः, 9. ॐ आदित्याय नमः, 10.ॐ सवित्रे नमः, 11. ॐ अर्काय नमः, 12. ॐ भास्कराय नमः, 13. ॐ सवितृ सूर्यनारायणाय नमः।

सूर्य पूजा रोज करना चाहिए, लेकिन रोज न कर पाएं तो कम से कम रविवार को जरूर करें। इसके विशेष लाभ मिलते हैं।


 

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

अगली खबर