नई दिल्ली: इस बार होली 29 मार्च को मनाई जाएगी जबकि होलिका दहन 28 मार्च को होगा। हिंदू धर्म में होली,दिवाली और दशहरा जैसे महापर्व का बहुत बड़ा महत्व है। ये सभी पर्व एक खास तिथि और खास मुहूर्त में मनाए जाते है। इस बार की होली ग्रहों की युति और गोचर के लिहाज से शानदार है। ऐसा संयोग कई वर्षों बाद बना है जिसकी विस्तार से जानकारी हम आपको दे रहे हैं।
इन ग्रहों की चाल से यह साफ है कि इस बार की होली यकीनन शुभ फल दायक और सर्व मंगलकारी है। इस वर्ष होली दिनांक 29 मार्च को है। बहुत वर्षो बाद शनि इस बार स्वग्रही है और गुरु के साथ है। राहु व मंगल का एक साथ वृष में होना बहुत ही बेहतर माना जाता है दूसरी तरफ केतु वृश्चिक में रहकर भक्ति भाव प्रदान करेगा। चन्द्रमा बुध की राशि कन्या में है। शुक्र व सूर्य की युति एक साथ गुरु प्रधान मीन राशि में है।
ध्रुव योग का निर्माण
बुध इस दिन शनि की राशि कुंभ में गोचर कर रहे हैं। पंचांग के अनुसार इस वर्ष होली का पर्व 29 मार्च 2021 सोमवार को फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाएगा। होली के पर्व पर ध्रुव योग का निर्माण हो रहा है।
मनोकामना पूर्ण करने का सुअवसर
गुरु का मकर राशि में होना और वह भी शनि के साथ अपनी किसी भी मनोकामना को पूर्ण करने का समय है। शनि न्याय का कारक ग्रह है। शनि इस होली में स्वग्रही है। गुरु की युति से और आध्यात्मिक हो गया है। शनि से प्रभावित लोग होलिका दहन से लेकर होली तक हनुमानबाहुक का कम से कम 25 पाठ करें। होली की रात्रि व होलिका दहन की रात्रि तांत्रिक पूजाओं के लिए बहुत श्रेष्ठ होता है। बंगलामुखी उपासना के लिए बहुत ही उपयुक्त समय है। राजनीतिज्ञ इस सुंदर मुहूर्त का सदुपयोग करें। राहु व मंगल एक साथ वृष राशि में अंगारक योग बना रहे हैं जो सर्वथा अनुकूल माना जाता है।
विष्णुसहस्रनाम का पाठ बहुत ही पुण्यदायी
थोड़ा क्रोध व विवाद से बचना होगा। किसी भी विवाद से निपटने के लिए मंगल के बीज मंत्र का जप व मसूर की दाल का दान करें। यह होली छात्रों के लिए बहुत ही शुभ फलदायी है।जाॉब व व्यवसाय में प्रगति होगी। चन्द्रमा का कन्या राशि मे व केतु का वृश्चिक में होना मोक्षदायी है। इस होली में कई ऐसे सुखद संयोग बन रहे हैं जो कि बहुत ही दुर्लभ हैं। इस सुअवसर का लाभ लें व पूजा पाठ करें। अन्न दान अवश्य करें। इस रात्रि श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ बहुत ही पुण्यदायी है।
बनेंगे कई अद्धभुत संयोग
इस वर्ष होलाष्टक के दिन चन्द्रमा मिथुन में व आद्रा नक्षत्र हैं। होली के दिन सबसे प्रमुख गोचर मंगल व राहु का वृष में है। गुरु व शनि मकर में हैं। केतु वृश्चिक में हैं। बुध कुम्भ में आ चुके हैं। मीन राशि मे सूर्य व शुक्र एक साथ विराजमान हैं।
शुभ फलदायक और मंगलकारी है होली
यह होली बहुत ही शुभ है। मीन में सूर्य का होना व मंगल का वृष में होना देश की आर्थिक व्यवस्था को मजबूत करता है। ग्रहों की इन स्थितियों से आर्थिक विकास खूब होगा। गुरु व सूर्य भारत को विश्व गुरु बनाएंगे। भारत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक बहुत शक्तिशाली राष्ट्र बन रहा है। भारत की सेना बहुत ही शक्तिशाली होगी। पड़ोसी देश इसकी शक्ति से भयभीत रहेंगे। मंगल का गोचर बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। मंगल बल, आत्मबल व सेना का प्रतीक है। मंगल का गोचर बहुत ही शुभ है।
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