Lal Kitab ke Totke: रत्न जड़ित अंगूठी पहनने से पहले जरूर जान लें लाल किताब के नियम, वरना हो सकता है नुकसान

Lal kitab ke totke, Part 7: ग्रहों को मजबूत बनाने या उसके प्रभाव को कम करने के लिए रत्न वाली अंगूठी पहनने जा रहे तो आपको पहले लाल किताब से इसके कुछ नियम जरूर जान लेने चाहिए।

Rules of wearing gems, रत्न पहनने के नियम
Rules of wearing gems, रत्न पहनने के नियम 
मुख्य बातें
  • रत्न जड़ित अंगूठियां हर किसी को सूट नहीं करती हैं
  • कई बार ग्रह से जुड़े रत्नों को पहनने का होता है विपरीत प्रभाव
  • कुंडली में विराजित ग्रह के स्थान के अनुसार पहननी चाहिए अंगूठी

अक्सर ऐसा होता है कि कुंडली में ग्रह कभी कमजोर होते हैं या उनके प्रभाव जातक पर सही नहीं पड़ते। ऐसे में उन्हें ग्रह से जुड़े रत्न को पहनने की सलाह दी जाती है। हर ग्रह का अपना रत्न निर्धारित है। ऐसे में कई बार लोग स्वयं ही ग्रहों के अनुसार रत्न धारण कर लेते हैं। वहीं कई बार शौकिया भी रत्न जड़ित रिंग्स पहनने लगते हैं, लेकिन ये रत्न सभी के लिए अनुकूल नहीं होते हैं। इनका प्रभाव कई बार विपरीत भी पड़ने लगता है। ऐसे में रत्न जड़ित अंगूठी बिना किसी की सलाह के नहीं पहनना चाहिए। लाल किताब में भी इसके कुछ नियम बताए गए हैं।

लाल किताब से जानें रत्न जड़ित रिंग पहनने के नियम

  1. कुंडली में अगर चंद्र 12वें या 10वें घर में हो तो ऐसे जातकों को मोती कभी नहीं पहनना चाहिए।
  2. जिस जातक की कुंडली में राहु 12वें, 11वें, 5वें, 8वें या 9वें स्थान पर हो उन्हें गोमेद से दूरी बना कर रखनी चाहिए।
  3. तीसरे और छटे भाव में जिसकी कुंडली में केतु होता है उसे लहसुनिया कभी नहीं पहनना चाहिए।
  4. जिनकी कुंडली में बुध तीसरे या 12वें स्थान पर बैठा हो उन्हें पन्ना पहनना शुभदायी नहीं होगा।
  5. शनि लग्न, पंचम या 11वें स्थान पर जिनके कुंडली में विराजमान हो उन्हें नीलम से दूरी बना कर रखनी चाहिए।
  6. तीसरे, पांचवें और आठवें स्थान पर अगर आपकी कुंडली में शुक्र बैठा हो तो हीरा बिलकुल ना पहनें। 
  7. कुंडली में अगर धनु लग्न में गुरु लग्न है तो पुखराज या सोना शरीर के ऊपरी भाग में यानी गले या कान में ही पहनना चाहिए।

इन बातों को समझें, तभी पहनें अंगूठी

  1. जातक की कुंडली में जिस ग्रह की महादशा चल रही है उसी के अनुसार रत्न धारण करना चाहिए जैसे जातक शनि की महादशा में लोहा या नीलम बिना किसी फिक्र के पहना जा सकता है। लेकिन नीलम हर किसी को सूट नहीं करता। इसे व्यक्तिगत रूप से ज्योतिष को दिखा कर ही पहनना चाहिए।
  2. यदि दो ग्रह शत्रु भाव में हो तो दोनों ग्रहों की अंगूठी एक साथ कभी न पहनें।
  3. ग्रह को बलवान बनाने के लिए उसी ग्रह के धातु में रत्न को जड़वाना चाहिए।
  4. जन्म का ग्रह और जन्म समय का ग्रह अगर एक ही हो तो ये बहुत शुभदायी होता है। इस ग्रह की अंगूठी पहनी जा सकती है।

जानें किस ग्रह का कौन सा है रत्न और किस धातु में पहनें

  1. सूर्य माणिक्य -सोना
  2. चंद्र मोती- चांदी
  3. मंगल मूंगा- तांबा
  4. बुध पन्ना- सोना
  5. गुरु पुखराज- सोना
  6. शुक्र हीरा- चांदी
  7. शनि नीलम- लोहा
  8. राहु गोमेद- मिश्रित धातु
  9. केतु लहसुनिया- सोना या तांबा

लाल किताब के अनुसार रत्नों में मंदे, कमजोर एवं सोये हुए ग्रहों को बलशाली और जगाने की क्षमता होती है, लेकिन सही ज्योतिषी सलाह  के बिना इसे पहनना सही नहीं होता।

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