नई दिल्ली। Lal kitab ke upay: आपको यह पता होता है कि आप किस राशि के हैं लेकिन ये पता नहीं होता कि आपकी राशि किस तत्व प्रधान की है और उसका राशि स्वामी कौन है। यह जानना जरूरी है क्योंकि आप राशि के प्रधान तत्व और राशि स्वामी को जब जानेंगे तो आप उस राशि को बलवान बनाने का प्रयास करेंगे। ऐसा कर के आप अपने भाग्य को चमकाएंगे। इतना ही नहीं आपको यह भी जानना चाहिए कि आपका कारक ग्रह कौन सा है, कौन सा ग्रह मित्र और कौन शत्रु है।
साथ ही आपके जीवन की घटनाएं या व्यक्तित्व के संकेत भी शुभ और अशुभ चीजों की जानकारी देते हैं। तो आइए लाल किताब से जानें कि कन्या राशि के लिए क्या शुभ है और किससे सावधान रहना चाहिए।
बाधक राशि वृश्चिक और बाधक ग्रह है मंगल
कन्या राशि के लिए बाधक ग्रह मंगल है और बाधक राशि वृश्चिक। बुध इस राशि के ग्रह स्वामी हैं और कारक ग्रह के रूप में शुक्र हैं। ये अर्थ तत्व प्रधान राशि है। कन्या राशि छठवें भाव में होती है और बुध ग्रह का अपना घर छठवां और सातवां होता है। लेकिन अगर बुध नीच का हो कुंडली में तो ये कन्या राशि के लिए बेहद चिंताजनक होता है। ऐसे में बुध को बेहतर बनाने के लिए विशेष उपाय करने होते हैं। अगर आपकी राशि में बुध नीच का है तो आपको कुछ ऐसे संकेत मिलेंगे।
बुध के अशुभता की निशानी ऐसे दिखेगी
अगर बुध खराब या नीच का होगा तो कन्या राशि के जातक को चेचक, दिमाग से जुड़े रोग, नाड़ी संबंधित परेशानी, दांत की समस्या या मुख रोग होने की संभावना बहुत होगी। ऐसा व्यक्ति बार-बार इन रोगों की चपेट में आता रहेगा।
इन अचूक उपायों से करें अपना भला
ये कुछ प्रयास हैं जो कन्या राशि के जातक कर सकते हैं और अपने बुध ग्रह के बुरे प्रकोप से बच सकते हैं।
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