कई कारणों से कई बार श्राद्ध या पिंडदान का कार्य लोग नहीं कर पाते। ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष में हमारे पूर्वज मोक्ष और शांति की चाह में धरती पर आते हैं, लेकिन जब उनके परिजन उनका श्राद्ध या पिंडदान नहीं करते तो वह दुखी हो कर मतृलोक लौट जाते हैं। उनके इस दुख और श्राप से बचने के लिए आपको उनका श्राद्ध जरूर करना चाहिए।
यदि किसी कारणवश आप उनका श्राद्ध नहीं कर पा रहे तो कुछ ऐसे काम पितृपक्ष में रोज करें जो पिंडदान के बराबर माने गए हैं। दान-पुण्य करने के साथ कुछ काम श्राद्ध पक्ष में करना पिंडदान के तुल्य माना गया है। तो आइए जाने कि क्या कुछ करना चाहिए पितरों के तपर्ण के लिए।
जिस काम को भी आप शुरू करें, उसे ही पूरे पितृपक्ष के दौरान करते रहें। किसी एक उपाय को ही दोहराना चाहिए।
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