Lal Kitab Ke Upay Part 4: संकट किसी भी स्वरूप में आ सकता है। चाहे वह शारीरिक दिक्कत हो या मानसिक कष्ट। दोनों ही कष्ट इंसान को अंदर ही अंदर खोखला बनाने लगते हैं। संकट को पालना सबसे बड़ा नुकसान होता है, इसलिए सकंट मुक्ति के प्रयास जरूर करना चाहिए।
दवा और दुआ के साथ कुछ उपाय करने से कभी भी पीछे न रहें। ऐसा करने से ग्रहों के कुप्रभाव को कम किया जा सकता है। लाल किताब में ऐसे कई सटीक उपाय बताए गए हैं, जो इंसान के कष्ट को हरने वाले होते हैं। दही भी एक ऐसा तत्व लाल किताब में माना गया है, जो कष्टों से मुक्ति दिलाने वाला होता है।
दही हर शुभ कार्य का हिस्सा होता है
लाल किताब में दही स्नान का जिक्र किया गया है दही स्नान इंसान के संकट को हर लेता है। आपको बता दें कि पुराने समय में राजा-महाराजा भी दही से स्नान करते थे और दही से स्नान करने के पीछे कई मकसद हुआ करते थे।
दही में पाया जाने वाला प्रो-बॉयोटिक बैक्टिरिया खाने ही नहीं शरीर पर लगाने पबहर भी बहुत फायदा देता है। साथ ही ज्योतिष में भी दही का प्रयोग उत्तम माना गया है। प्रभु के पंचामृत में दही होता है और उन्हें भी दही स्नान कराया जाता है। दही संकट हरने वाला होता है, इसलिए दही किसी भी शुभ कार्य पर जाने से पहले खाया जाता है।
लाल किताब में दही स्नान क्यों करने को कहा गया है
लाल किताब में शुक्र पहले, पंचवें, आठवें और दसवें भाव में हो तो माना जाता है कि शुक्र का प्रभाव सही नहीं होता। शुक्र यदि कमजोर हो तो जातक की सभी तरह की सुख और सुविधाओं नष्ट हो जाती हैं। वहीं वैवाहिक जीवन भी सही नहीं रहता।
मानसिक और शारीरिक कष्ट का कारण भी शुक्र ही होता है। कमजोर शुक्र जातक को कभी भी शारीरिक समस्याओं से मुक्त नहीं होने देता। यही नहीं शुक्र के साथ यदि राहु या मंगल भी हो तो शुक्र के प्रभाव कम हो जाते हैं। ऐसे में दही के उपाय शुक्र को मजबूती दे सकते हैं।
कैसे और कब करते हैं दही स्नान
जिन लोगों को शुक्र के कमजोर होने से कष्ट मिल रहा उन जातक को हर शुक्रवार को अपने शरीर पर अच्छे से दही का लेपन करना चाहिए और उसके बाद स्नान करना चाहिए। दही शरीर पर मलने के लिए एक लकड़ी के पटरे पर बैठें और दही का लेपन कर कुछ देर इसे मलें। इसके बाद स्नान करें। साथ ही शुक्रवार का व्रत रखें और इस दिन खटाई न खाएं।
दही स्नान होंगे ये फायदे
शनिवार को लाल किताब में बताए गए दही के ये उपाय जरूर करें, बहुत फायदा मिलेगा।
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