भगवान शिव और शनिदेव की पूजा जब एक दिन ही होती है तो उस दिन का महत्व अपने आप बहुत बढ़ जाता है। इस बार प्रदोष व्रत शनिवार के दिन है, इसलिए इसके शनि प्रदोष या शनि त्रयोदशी कहा जाता है।
शनि त्रयोदशी का भक्त इंतजार करते हैं क्योंकि ये बहुत महत्वपूर्ण होती है और साल में तीन या चार बार ही आती है। इस दिन व्रत-पूजन के साथ यदि मनुष्य अपनी समस्याओं से छुटकारे के लिए कुछ उपाय भी कर ले तो उसके बहुत सारे कष्ट दूर हो सकते है। साथ ही इस दिन शनि दोष से भी आसानी से छुटकारा मिल जाता है। तो चलिए जानें कि शनि प्रदोष पर कौन से उपाय करने चाहिए।
शनि त्रयोदशी पर करें ये उपाय, मिल जाएगी कष्टों से मुक्ति
यदि आप अपनी संतान के स्वास्थ्य को लेकर परेशान हैं तो आपको शनि त्रयोदशी के दिन शाम के समय पीपल की जड़ में सरसों के तेल का दीपक जालना चाहिए। यदि आपकी संतान किसी गंभीर बीमारी से जूझ रही तो शनि त्रयोदशी के दिन एक पत्थर को काले रंग में रंग कर उसे पीपल के पेड़ की जड़ में रख आएं। इसके बाद सरसों के तेल का दीपक जला कर शनिदेव के नाम का जाप कम से कम 108 बार करें।
यदि आर्थिक संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा तो शनि त्रयोदशी के दिन पीपल के पेड़ में नीले रंग का पुष्प और जल अर्पित कर दें। फिर घर आ कर 'ऊं शं शनैश्चराय नम: मंत्र का एक माला जाप करें। इससे आपकी आर्थिक समस्याएं दूर हो जाएंगी।
शनि दोष से बचने के लिए इस दिन खास उपाय करने चाहिए। यदि आपके ऊपर कोई झूठा मुकदमा हो या कोर्ट केस चल रहा हो तो इससे मुक्ति के लिए इस दिन पीपल के पत्ते पर चमेली के तेल लगाकर शिव को अर्पित करें। इसके बाद शनि मंदिर में आकर 'शं ह्रीं शं शनैश्चराय नमः का कम से कम 11 बार करें। आपकी सारी ही समस्याए भी दूर होंगी और शनि दोष भी।
दांपत्य जीवन में यदि कष्ट हो तो शनि त्रयोदशी के दिन काली गाय के माथे पर कुमकुम का तिलक लगाकर उसे बूंदी का लड्डू खिलाएं। इसके बाद उसके दाहिने सींग को छूकर आशीर्वाद लें। ये उपाय आपके दांपत्य जीवन में आने वाली हर समस्या को दूर कर देगा।
यदि आप किसी मनोकामना को पूरा करना चाहते हैं तो आपको शनि त्रयोदशी के दिन कौए को रोटी खिलाना चाहिए। इसके बाद 'शं ह्रीं शं शनैश्चराय नमः' का जाप करें।
संतान या वैवाहिक सुख के लिए शनि त्रयोदशी के दिन आपको शिवलिंग पर 11 फूल और 11 बेलपत्र से बनी माला चढ़ाएं।
शनि त्रयोदशी के दिन किए गए ये उपाय आपके जीवन में खुशियों का संचार करेंगे।
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