शरद पूर्णिमा के दिन मान्यता है कि आसमान से अमृत वर्षा होती है और ये अमृत वर्षा सेहत के लिए ही नहीं धन से जुड़ी समस्याओं के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण मानी गई है। इस दिन चंद्रदेव की पूजा का विशेष महत्व होता है और चांद की हर किरण से आशीर्वाद टपकता है। खास बात ये है कि इस दिन चंद्रदेव के साथ ईष्ट देव या देवी की पूजा करने का भी बहुत शुभफल प्राप्त होता है। साथ ही इस दिन भगवान इंद्र और महालक्ष्मी की पूजा भी करनी चाहिए। शरद पूर्णिमा के दिन रात के समय कुछ धन से जुड़े उपाय हर इंसान को करने चाहिए। यहां आपको पांच उपाय बताएं जा रहे हैं और इसमें से कोई एक उपाय इस रात कर के आप अपने धन से जुड़े हर संकट को हमेशा के लिए दूर कर सकते हैं।
शरद पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर व्रत और पूजन का संकल्प लें और अपने ईष्ट देव की पूजा करें। साथ ही भगवान इंद्र और महालक्ष्मी जी का पूजन करके घी के दीपक जलाएं। धूप-दीप और पुष्प अर्पित कर इस दिन खीर का भोग भगवान के साथ चंद्र को भी लगाया जाता है। दिन में भगवान की पूजा के बाद रात में चंद्र पूजा करनी चाहिए। चंद्र को धूप-दीप दिखा कर जल अर्पित करें और खीर बना कर उनका भोग लगाएं और रात भर खुले आसमान के नीचे खीर रखें। ध्यान रहें कि खीर पर चंद्र की किरणें जरूर पड़ें, क्योंकि तभी चंद्र की किरणों में समाहित अमृत खीर में गिरेगी। सुबह स्नान करने के बाद आप खीर का प्रसाद सभी को बांट कर खुद भी सेवन करें।
जानें, शरद पूर्णिमा के दिन कौन से उपाय आपको बना सकते हैं मालामाल
1. शरद पूर्णिमा की रात सफेद फूल जैसे सफेद गुलाब, चंपा, चमेली, चांदनी कुमुदनी, सफेद मोती, सफेद फल, सफेद चमकीले वस्त्र, सफेद अनाज जैसे चावल, सफेद मिठाई और खीर आदि चंद्रमा और भगवान श्रीकृष्ण के निमित्त अर्पित करें। चंद्र देव को इस मंत्र के साथ जल अर्पित करें और हर चंद्र मंत्र का जाप 11 बार करें।
चन्द्रमा का नाम मंत्र
* ॐ सों सोमाय नम:।
चंद्रमा गायत्री मंत्र
* ॐ भूर्भुव: स्व: अमृतांगाय विदमहे कलारूपाय धीमहि तन्नो सोमो प्रचोदयात्।
चंद्रमा का पौराणिक मंत्र
* दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णव सम्भवम ।
नमामि शशिनं सोमं शंभोर्मुकुट भूषणं ।।
चन्द्रमा के तांत्रोक्त मंत्र
* ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:।
* ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:।
* ॐ श्रीं श्रीं चन्द्रमसे नम: ।
चन्द्रमा का वैदिक मंत्र
* ॐ इमं देवा असपत्नं ग्वं सुवध्यं।
महते क्षत्राय महते ज्यैश्ठाय महते जानराज्यायेन्दस्येन्द्रियाय इमममुध्य पुत्रममुध्यै,
पुत्रमस्यै विश वोsमी राज: सोमोsस्माकं ब्राह्माणाना ग्वं राजा।
2. इस दिन देवी महालक्ष्मी की पूजा सूर्यास्त के बाद करें और देवी को पीली और लाल पुष्प और भोग चढ़ाएं। साथ ही देवी को इस दिन श्रृंगार की सामग्री चढ़ाएं और कमलगट्टे या स्फटिक माले से “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्म्यै अस्मांक दारिद्र्य नाशय प्रचुर धन देहि देहि क्लीं ह्रीं श्रीं ॐ।।” का जाप करें।
3. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने के बाद मोर पंख को बांसुरी को एक साथ बांधकर पूजा करें। ऐसा करने से आपके हर संकट दूर हो जाएंगे।
4. शरद पूर्णिमा के दिन सुबह ईष्ट देव की पूजा करें और घर में घी का अखंड दीपक जलाएं। शाम के समय सभी देवी-देवताओं की पुन: पूजा करें।
5. इस दिन घर की पानी जहां रखते हों, वहां स्वास्तिक का चिन्ह् बनाएं और रोली से टिका कर उस पर दीप दिखाएं।
तो शरद पूर्णिमा की रात चंद्रदेव के साथ ईष्ट देव, महालक्ष्मी, इंद्र देव और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा भी जरूर करें।
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