Vastu Hindi Tips: सोते समय दक्षिण दिशा में क्यों नहीं करने चाहिए पैर? वास्तु शास्त्र में मिलता है ये जवाब

Legs towards south in Sleep: वास्तुशास्त्र के अनुसार व्यक्ति को दक्षिण या पूर्व दिशा में सिर करके सोना चाहिए यानि पैर उत्तर या पश्चिम दिशा में होना चाहिए, इससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है।

Sone ke Vastu Niyam Vastu sleep Tips
सोने के लिए वास्तु शास्त्र नियम (Photo Credit- iStock)  |  तस्वीर साभार: Representative Image
मुख्य बातें
  • भूलकर भी उत्तर या पश्चिम दिशा में सिर करके नहीं सोना चाहिए।
  • दक्षिण दिशा में सिर करके सोने से व्यक्ति को स्वास्थ्य लाभ के साथ सुख समृद्धि की होती है प्राप्ति।
  • पूर्व दिशा से होता है सूर्य उदय, इस दिशा में सिर करके सोने से बनेंगे ऊर्जावान।

Vastu Shastra Tips for Sleep in Hindi: वास्तुशास्त्र में व्यक्ति के सफल और सुखद जीवन के साथ स्वास्थ्य लाभ के लिए भी कुछ खास उपाय और नियमों का उल्लेख किया गया है। अक्सर आपने घर के बड़े बूढ़ों को यह कहते सुना होगा कि उत्तर या पश्चिम दिशा में सिर करके नहीं सोना चाहिए, क्योंकि इस दिशा में मृत्युलोक होता है। जी हां आपको बता दें वास्तुशास्त्र में भी इसे सच माना गया है, इसके अनुसार नींद का हमारे शारीरिक औऱ मानसिक स्वास्थ्य से गहरा संबंध होता है। यही कारण है कि ऋषि मुनियों ने सोने के लिए कुछ नियम बताए हैं ताकि मनुष्य को इसका अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो सके।

वास्तुशास्त्र के अनुसार व्यक्ति को भूलकर भी सोते समय पूर्व या दक्षिण दिशा में पैर करके नहीं सोना चाहिए। अन्यथा आपको स्वास्थ्य संबंधी कई गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आपको बता दें इसका ना केवल वास्तुशास्त्र में उल्लेख किया गया है बल्कि वैज्ञानिकों का भी यही मानना है। ऐसे में आइए जानते हैं दक्षिण या पूर्व दिशा में सिर करके क्यों सोना चाहिए। 

इस दिशा में सिर करके सोने के फायदे:
वास्तुशास्त्र के अनुसार व्यक्ति को दक्षिण या पूर्व दिशा में सिर करके सोना चाहिए यानि पैर उत्तर या पश्चिम दिशा में होना चाहिए, इससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है।

इस दिशा में सिर करके सोने से लंबी आयु प्राप्त होती है तथा शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य भी उत्तम रहता है। वहीं इस दिशा में पैर करके सोना अपशकुन होता है तथा मस्तिष्क में रक्त का संचार भी कम होता है। ऐसे में आइए संक्षेप में जानते हैं।

उत्तर दिशा में सिर करके क्यों नहीं सोना चाहिए:
दक्षिण दिशा में सिर रखकर सोने से व्यक्ति को स्वास्थ्य लाभ के साथ सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। वहीं इस दिशा में पैर करके सोने से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इतना ही नहीं इस दिशा में पैर करके सोने से धन हानि, मृत्यु और रोग का भय रहता है।

ज्योतिषाशास्त्र के अनुसार उत्तर की दिशा मृत्यु की दिशा मानी जाती है, इस दिशा में दुष्ट देवों औऱ यम का वाश रहता है। इसलिए उत्तर दिशा में भूलकर भी सिर रखकर नहीं सोना चाहिए। सोते समय ध्यान रहे की आपका सिर पूर्व या दक्षिण दिशा में हो तथा पैर उत्तर या पश्चिम दिशा में हों।

क्या कहते हैं वैज्ञानिक:
वहीं वैज्ञानिकों के अनुसार उत्तर और दक्षिण ध्रुव यानि पृथ्वी के दोनों तरफ चुम्बकीय प्रभाव होता है। उत्तरी ध्रुव पर धनात्मक प्रवाह और दक्षिणी ध्रुव पर ऋणात्मक प्रवाह होता है। ठीक इसी प्रकार मानव शरीर के सिर में धनात्मक और पैर में ऋणात्मक प्रवाह होता है।

वैज्ञानिकों के अनुसार दो धनात्मक प्रवाह या दो ऋणात्मक प्रवाह जब आपस में मिलते हैं, तो यह एक दूसरे से दूर भागते हैं। इसलिए यदि आप दक्षिण में पैर करके सोते हैं तो आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता है।

पूर्व दिशा की ओर सिर करके सोने के फायदे:
वास्तुशास्त्र में एक श्लोक के माध्यम से उल्लेख किया गया है कि पूर्व दिशा मे सिर करके सोने से विद्या प्राप्त होती है। इस दिशा में सिर रखकर सोने से मां सरस्वती की कृपा आप पर सदैव बनी रहती है, जिससे ज्ञान में बढ़ोत्तरी होती है।

वहीं इस दिशा में सूर्य देव भी विराजमान होते हैं, ऐसे में इस दिशा में सिर रखकर सोने से व्यक्ति ऊर्जावान रहता है। तथा इस दिशा में पैर करके सोने से सूर्यदेव का अपमान माना जाता है। इसलिए हमेशा पूर्व या दक्षिण दिशा में सिर करके सोना चाहिए तथा घर या कमरे के दरवाजे की ओर पैर करके ना सोएं।

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