इस साल अक्षय तृतीया का पर्व 26 अप्रैल को मनाया जा रहा है। सनातन धर्म में इस पर्व की बहुत महत्ता है। कहा जाता है कि इस दिन किसी भी कार्य का शुभारंभ करने वाले हर काम में सफलता मिलती है। इस पूरे दिन को बहुत शुभ माना जाता है और किसी भी समय इसकी शुरुआत की जा सकती है। हिन्दू पंचांग में इस योग को साल का सबसे शुभ और सर्वश्रेष्ठ योग माना गया है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार श्री विष्णु का नर-नारायण, हयग्रीव और परशुरामजी के रूप में अवतरण और महाभारत युद्ध का अंत इसी तिथि को हुआ था। इस साल यह पर्व और भी खास है क्योंकि इस दिन राजयोग बन रहे हैं। इस दिन किसी भी काम को सच्चे मन और आस्था के साथ किया जाए तो उसका फल जरूर प्राप्त होता है।
मान्यता है कि इस दिन विष्णु जी के अवतार परशुराम का धरती पर जन्म हुआ था। इसी वजह से अक्षय तृतीया को परशुराम के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। मान्यताओं के मुताबिक इस दिन गंगा नदी स्वर्ग से धरती पर आईं थीं। अक्षय तृतीया के दिन ही भोजन की देवी अन्नपूर्णा का जन्मदिन भी माना जाता है।
तृतीया तिथि प्रारंभ: 11:50 बजे (25 अप्रैल 2020)
तृतीया तिथि समापन: 13:21 बजे (26 अप्रैल 2020)
अक्षय तृतीया पर ना करें ये काम-
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