भाई बहन के पावन प्रेम का पर्व भैया दूज रक्षा बंधन की ही तरह एक बड़ा पर्व है। ज्योतिषाचार्य सुजीत जी महाराज के अनुसार कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की द्वितीया को यह त्यौहार मनाते हैं। इस महान दिवस पर बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र तथा प्रसन्न जीवन की कामना तथा प्रार्थना करती हैं। भैया दूज 29 अक्टूबर दिन मंगलवार को है।
भैया दूज की मान्यता तथा महत्व
इस दिन यमुना ने यमदेव को अपने घर भोजन कराया था। इससे उस दिवस वे तृप्त हुए।पाप मुक्त होकर वो सांसारिक बंधनों से मुक्त होकर मोक्ष को प्राप्त हुए । यही कारण है इस तिथि तीनो लोकों में यम द्वितीया का नाम मिला।इसी तिथि को भैया दूज का नाम दिया गया। इस पर्व पर भाई अपनी बहन के हाथ का बना उत्तम भोजन ग्रहण करता है। बहन भाई का तिलक करती है। भाई भी बहन की रक्षा तथा उसके सफल जीवन के लिए कृतसंकल्पित होता है। बहनें भाई की लंबी उम्र के लिए इस व्रत को निराजल रखती हैं। भाई बहन की उपहार भी देता है।
भैया दूज का शुभ मुहूर्त-
29 अक्टूबर को प्रातः से ही भैया दूज लग जायेगा। उदया तिथि के कारण यह पर्व 29 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा।
बहनों द्वारा भाइयों को तिलक करने का मुहूर्त
29 अक्टूबर को दिन में 01 बजकर 10 मिनट से 03 बजकर 25 मिनट तक।
भाई दूज के दिन बहनें इस तरह करें पूजा
इस समय के पहले बहनें निराजल व्रत रहेंगी। इस शुभ मुहूर्त में बहनें भाई को तिलक कर उनकी आरती करेंगी तथा मिठाई खिलाने के बाद उनको अपने हाथ का बना भोजन कराएंगी।भाई बहन की रक्षा तथा उसकी खुशहाली का संकल्प लेगा तत्पश्चात बहनें भोजन करेंगी।
इस दिन यमुना स्नान करने का महान अवसर
यमुना के तीरे भगवान कृष्ण ने तमान लीलाएं की हैं। भैया दूज के दिन पूर्वान्ह में यम की पूजा करके यमुना नदी में स्नान करने से वह यमलोक की यातनाएं नहीं भोगता है। वह सांसारिक बंधनों से मुक्त होकर मोक्ष की प्राप्ति करता है। इस दिन यमुना स्नान करने से भगवान कृष्ण की असीम कृपा प्राप्त होती है। इस दिन यदि आप घर पर हैं तो यमुना का जल डालकर स्नान करने से भी अद्भुत फल की प्राप्ति होती है।
इस दिन दान का महत्व
भैया दूज के पर्व पर दान का बहुत महत्व है।इस दी गोशाला अवश्य जाएं तथा गो माताओं को भोजन कराएं।इस दिन अन्न दान करें। अस्पताल में गरीब मरीजों को फल तथा भोजन वितरण करें। अनाथालय में वस्त्र दान करें।
इस प्रकार भैया दूज एक ऐसा उत्तम अवसर है जिसका नियम पूर्वक पालन करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।भाई बहन के पवित्र प्रेम का बंधन मजबूत होता है।यह पर्व विश्वबंधुत्व का है। आइये इस महान पर्व को श्रद्धा पूर्वक मनाएं।
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