भानु सप्तमी कार्तिक मास की अष्टमी के दिन है और इस दिन रविवार है। रविवार सूर्य देव का भी दिन होता है। इस कारण इस दिन व्रत और पूजा का विशेष महत्व होगा। इस दिन सूर्य देव की पूजा-अर्चना करने के साथ मनुष्य को व्रत का भी पालन करना चाहिए। सूर्य देव के निमित्त व्रत रखने से मनुष्य के जीवन में आने वाली सारी ही बाधांए दूर हो जाती हैं और सफलता के मार्ग खुल जाते हैं।
जिन जातकों की कुंडली में सूर्य अस्त हो या सूर्य कमजोर अवस्था में हो उन्हें सूर्य सप्तमी का व्रत जरूर करना चाहिए। भानु सप्तमी के दिन रवि योग होने के कारण ये दिन अत्यधिक प्रभावशाली माना गया है। तो आइए आपको बताएं कि इस दिन भगवान सूर्य की पूजा कैसे करें।
सूर्य देव हिंदू धर्म में नजर आने वाले साक्षात देवता माने गए हैं और वह ऊर्जा का प्रतीक माने गए हैं। मान्यता है कि इस दिन यदि सूर्य की पूजा मनुष्य कर ले तो उसके सोए हुए भाग्य खुल सकते हैं। भगवान सूर्य का तेज होना कुंडली में बहुत जरूरी होता है, क्योंकि सूर्य यदि अस्त हो या कमजोर हो तो मनुष्य को उसके किए गए मेहनत का फल नहीं मिल पाता। सूर्य देव दुखों का नाश करने वाले माने गए हैं। सूर्य सप्तमी के दिन मनुष्य को सूर्य को मजबूत बनाने के लिए विधिवत पूजन करना चाहिए।
भानु सप्तमी की व्रत विधि (Bhanu Saptami 2020)
भानु सप्तमी की सुबह स्नान सूर्योदय से पूर्व ही कर लें। इसके बाद एक तांबे के लोटे में जल भर लें और उसमें लाल फूल, लाल चंदन, अक्षत डालकर सूर्य देव को 'ॐ सूर्याय नमः' कहते हुए अर्घ्य दें और प्रार्थना करें कि आप पर अपना आशीर्वाद बनाएं रखें।
सूर्य देव का बीज मंत्र (Surya Dev Puja Mantra)
भगवान सूर्य का बीज मंत्र ' ऊं घृणि सूर्याय नम:' और ' ॐ सूर्याय नम:' है। इनमें से जो भी आप सही उच्चारण के साथ जप सकें जरूर बोलें।
दान करने से मिलेगा कई गुना फल (Bhanu Saptami Surya ke Upay)
भानु सप्तमी के दिन सूर्य देव को स्मरण करते हुए दान-पुण्य जरूर करना चाहिए। मान्यता है कि इस दिन अन्न-धन के दान से मनुष्य को कई गुना फल की प्राप्ति होती है। इस दिन सूर्य अस्त से पूर्व दान करना चाहिए इससे सकरात्मक ऊर्जा का वास होता है।
भानु सप्तमी का महत्व (Bhanu Saptami Mahavta, Significance)
भानु सप्तमी पर सूर्य पूजा और व्रत करने से मनुष्य को जीवन में हर ओर सफलता मिलती है। यदि आप व्रत न कर सकें तो उगते सूर्य को अर्घ्य जरूर दें। सूर्य को जल चढ़ाने से मनुष्य की बुद्धि का विकास होता है और मानसिक शांति मिलती है। साथ ही निरोगी काया और धन-धान्य से घर भरता है। जिस घर में पिता और पुत्र का संबंध अच्छा नहीं हो, उन्हें सूर्य उपासना जरूर करनी चाहिए। सूर्य देव की उपासना से लंबी आयु, बेहतर याददाश्त की भी प्राप्ति होती है।
सूर्य देव की पूजा अर्चना, समय आदित्य ह्रदयं और अन्य सूर्य स्त्रोत का पाठ जरूर करें। इससे सूर्य देव की अपार कृपा प्राप्त होगी।
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