वैशाख माह की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन दान-पुण्य और धर्म-कर्म करने का बड़ा ही महत्व है। इस साल बुद्ध पूर्णिमा 7 मई को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान बुद्ध की पूजा की जाती है। उनकी मूर्ति का अभिषेक कर उन पर फूल चढ़ाएं जाते हैं। महात्मा बुद्धा ने हमेशा अहिंसा और सत्य का मार्ग अपनाया था और उन्होंने शांति का पाठ पढ़ाया।
ऐसा माना जाता है कि वैशाख सास की पूर्णिमा को भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। इसी दिन बोधगया में पीपल के वृक्ष के नीचे गौतम बुद्ध को बुद्धत्व की प्राप्ति हुई थी। हिंदू धर्म के अनुसार महात्मा बुद्ध, भगवान विष्णु जी के नौवें अवतार हैं।
वैशाख पूर्णिमा के दिन ही भगवान बुद्ध ने गोरखपुर से 50 किलोमीटर दूर स्थित कुशीनगर में महानिर्वाण की ओर प्रस्थान किया था। उन्होंने भौतिकता को त्याग कर बुद्धत्व की प्राप्ति की थी। दुनिया भर में भगवान बुद्ध के करोड़ों अनुयायी हैं।
भगवान बुद्ध की होती है पूजा
बुद्ध पूर्णिमा के दिन उनके अनुयायी मठों में उपासना करते हैं। उन पर फूल चढ़ा कर और दीप-मोमबत्ती जलाकर पूजा की जाती है। उन्हें मिठाई और फल का भोग लगाया जाता है। इस दिन भक्त भगवान बुद्ध के उपदेशों का पालन करने का संकल्प लेते हैं। भगवान बुद्ध ने सांसारिका भौतिकता को त्याग कर आध्यात्म और तप के मार्ग पर चलने की बात कही थी।
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