Bhagwan Dhanwantari: कौन हैं भगवान धन्वंतरि? क्यों की जाती हैं धनतेरस पर उनकी पूजा

व्रत-त्‍यौहार
Updated Oct 24, 2019 | 08:30 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन धनतेरस मनाया जाता है और इसी दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा भी की जाती है। इस दिन कुछ न कुछ खरीदने का भी विधान है, जानें क्यों?

Dhanteras Puja
Dhanteras Puja; bhagwan dhanwantari Puja 
मुख्य बातें
  • भगवान धन्वंतरि को आरेाग्य का देवता मना गया है
  • वह देवताओं के चिकित्सक है और देवतुल्य स्थान रखते हैं
  • समुद्र मंथन से भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था

धनतेरस के दिन ही भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था, इसलिए इस तिथि को धनतेरस मनाया जाता है। स्कंद पुराण के अनुसार समुद्र मंथन से भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे। जब वह प्रकट हुए तो उनके हाथ में अमृत कलश और पीतल के आभूषण थे। यही कारण है कि धनतेरस पर भगवान की पूजा के साथ बर्तन या किसी पीली धातु को जरूर खरीदा जाता है।

माना जाता है ऐसा करने भगवान धन्वंतरि आरोग्य और धन का आशीर्वाद देते हैं। मान्यता है कि इस दिन जो कुछ भी आप खरीदते हैं उसमें 13 गुणा वृदधि होती है। इस दिन धनिया के बीज को भी खरीदने का विधान होता है। दीपावली के बाद इन बीजों को लोग अपने बाग-बगीचों में या खेतों में बोते हैं।

 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
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देवताओं के चिकित्सक हैं धन्वंतरि
धन्वंतरि भगवान को देवताओं का चिकित्सक माना गया है। यही कारण था कि उन्हें देव तुल्य माना गया है। स्कंद पुराण के अनुसार भगवान धन्वंतरि विष्णु के अवतार थे। जब समुद्र मंथन हुआ था तो भगवान धन्वंतरि के साथ शरद पूर्णिमा को चंद्रमा, कार्तिक द्वदशी के दिन कामधेनु गाय, त्रयोदशी के दिन धन्वंतरि, चतुर्दशी के दिन मां काली और अमावस्या के दिन मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था। इसलिए दिवाली के दो दिन पूर्व धनतेरस मनाया जाता है।

धनतेरस का पर जरूर करें ये काम

  • धनतेरस पर धनिया भगवान को जरूर चढ़ाएं और दीवाली के बाद इसे बो दें।
  • इस दिन पीली धातु और बर्तन जरूर खरीदें।
  • शुभ मुहूर्त में पूजा में सात धानों की पूजा करें। इसमें गेहूं, उडद, मूंग, चना, जौ, चावल और मसूर शामिल करें।
  • धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि के साथ मां लक्ष्मी, कुबेर की भी पूजा करें।
  • इस दिन दीवाली पूजन के लिए मां लक्ष्मी और गणेश की प्रतिमा खरीदें।
  • नया झाडू जरूर खरीद कर घर लाएं और पुराने को किसी पेड़ के नीचे रख दें।
  • प्रदोष काल में घाट, गौशाला, बावड़ी, कुआँ, मंदिर आदि पर तीन-तीन दीपक सूर्य डूबने से पूर्व जलाएं।
  • तो धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि से आरोग्य का वरदान लेकर धन-धान्य से खुद को संपन्न करें।

धनतेरस के दिन लोग नई चीजों की खरीदारी करते हैं। माना जाता है कि घर में नया सामान (सोना, चांदी और बर्तन) लाने से पूरे साल मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। धनतेरस के मौके पर सोने की खरीददारी का विशेष प्रचलन है।


 

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