धनतेरस पांच दिन तक चलने वाले दिवाली पर्व का पहला दिन है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर आने वाला ये त्योहार इस साल 2 नवंबर को मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान धन्वंतरि सागर मंथन के दौरान हाथ में कलश लिए उत्पन्न हुए थे।
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हिंदू धर्म के अनुसार धनतेरस को खरीदारी के लिए साल का सबसे शुभ दिन माना जाता है। मां लक्ष्मी के साथ-साथ धन के देवता कुबेर, धन्वंतरि और यम देवता की पूजा की जाती हैं। धनतेरस के दिन सभी लोग धन्वंतरि देवता, भगवान कुबेर और माता लक्ष्मी से सदैव प्रसन्न रहने, स्वस्थ रहने और जीवन की सभी बाधाओं को दूर करने की प्रार्थना करते हैं।
प्रदोष काल और वृषभ काल (Dhanteras 2021 Pradosh Kal and Vrishabh Kal Timings)
धनतेरस के दिन प्रदोष काल: शाम 05:35 से 08:11 तक चलेगा। वहीं, वृषभ काल: शाम 06:18 से शाम 08:14 तक होगा। धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने से घर में लक्ष्मी का प्रवेश होता है। इस दिन मिट्टी के दीये खरीदना भी बहुत शुभ माना गया है। धनतेरस के दिन प्रदोष काल में घर के मुख्य द्वार या आंगन में दीया जलाएं।
भगवान कुबेर का मंत्र (Dhanteras 2021 Lord Kuber Mantra)
इस दिन भगवान कुबेर के मंत्र 'ओम कुबेराय नम:' का जाप कर आप भगवान कुबेर को प्रसन्न कर सकते हैं। वहीं, आप भगवान धन्वंतरि को प्रसन्न कर अपने घर में सुख-समृद्धि पाना चाहते हैं, तो उस दिन धन्वंतरि देवता की पूजा करें।
धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की षोडशोपचार की पूजा करें यानी 16 क्रियाओं से पूजा करें। पूजा के अंत में सांगता सिद्धि के लिए दक्षिणा जरूर चढ़ाएं।
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