नई दिल्ली: गंगा नदी दुनिया की इकलौती ऐसी नदी है जिसे माता की उपाधि दी गई है और साथ ही इसे पूरे भारत में गंगा नदी को गंगा माता के रूप पूजा ओर जाना जाता है। गंगा नदी देश की सबसे महत्वपूर्ण नदी है जो सनातम धर्म के लोगों के लिए आस्था की प्रतीक भी है।
गंगा नदी का जिक्र सनातन धर्म संस्कृति के सबसे पवित्र ओर प्राचीन ग्रन्थ ऋग्वेद में किया गया है। ऋग्वेद ग्रन्थ में गंगा नदी को जाह्नवी कहा गया है। आइए हम आपको गंगा दशहरा के मौके पर गंगा नदी की शानदार तस्वीरों को दिखाते है और गंगा नदी का यह स्वरूप यकीनन मन मोहनेवाला है। गंगा दशहरा के दिन ही मां गंगा स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुई थी ।
जानकारों के मुताबिक अगर ऑक्सीजन की कमी हो जाए तो किसी भी नदी का पानी खराब होने लगता है लेकिन गंगा नदी का पानी वैसे ही अमृत की भांति नजर आता है।
भारत सरकार के द्वारा गंगा नदी को राष्ट्रीय नदी घोषित किया है।
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार गंगा नदी में डुबकी लगाने से सारे पाप धुल जाते है।
हिंदू धर्म शास्त्रों में गंगा को मोक्षदायिनी माना गया है।
गंगा नदी कुमायूं में हिमालय के गोमुख स्थान पर गंगोत्री हिमनद से निकलती है। गंगा नदी के इस उदगम स्थल की ऊंचाई 3140 मीटर है।
गंगा नदी की लम्बाई 2,525 किमी है और अधिकतम गहराई 17 मीटर है।
गंगा नदी में मछलियों की लगभग 140 परजातियां पाई जाती है।
गंगा नदी दो देशों भारत और बांग्लादेश के माध्यम से होकर गुजरती है। गंगा नदी उत्तराखंड के पश्चिमी हिमालय से शुरू होती है और दक्षिण से बहती हुई, उत्तर भारत से और बांग्लादेश से होकर यह नदी अंत में बंगाल में खाड़ी में जाकर मिलती है।
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