हर पूजा में अक्षत का प्रयोग जरूर होता है। लाल या पीले रंग से रंगे चावल पूजा में अक्षत के नाम से जाने जाते हैं। चावल के ये दाने विशेष पूजन सामग्री का हिस्सा होते हैं। इतना ही नहीं चावल के आटे से चौक पूजना भी बहुत महत्वपूर्ण और फलदायी माना जाता है। यदि पूजा में अक्षत का प्रयोग न हो तो ये विशेष चूक मानी जाती है।
माना जाता है कि यदि अक्षत जिस पूजा में प्रयोग होता है यदि पूजा में कुछ अन्य चीजें चूक वश छूट भी जाएं तो अक्षत के चढ़ावे से वह भूल माफ मानी जाती है। कई बार ऐसा होता है कि कुछ चीजें कुछ देवाता या देवी को पूजा में चढ़ाने की मनाही होती है, जैसे तुलसी को कुमकुम, गणेशजी को तुलसी, शिवजी को हल्दी नहीं चढ़ाई जाती, लेकिन अक्षत ऐसी महत्वपूर्ण पूजन सामग्री है जिसे हर पूजा में हर देवी-देवता को चढ़ाया जाता है। अक्षत यानी चावल के कुछ दाने का प्रयोग आपके घर में सुख-शांति और धन-समृदधि सब कुछ दे सकता है।
पूजन के समय अक्षत इस मंत्र के साथ भगवान को समर्पित करना चाहिए :
।।अक्षताश्च सुरश्रेष्ठ कुंकमाक्ता: सुशोभिता:. मया निवेदिता भक्त्या: गृहाण परमेश्वर॥
तो अब पूजा में अक्षत का प्रयोग करने में कभी भूल न करें। अक्षत आपके जीवन में समृद्धि का वास लाता है।
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