हिंदू धर्म में कार्तिक के महीने को बहुत ही पवित्र महीना माना जाता है। वर्ष 2019 में कार्तिक मास 14 अक्टूबर से 12 नवंबर तक रहेगा। इस महीने में सूर्य तुला राशि अर्थात अपनी नीच राशि में होते हैं इसी कारण सूर्य देव की विशेष पूजा की जाती है। ऐसा करने से मान-सम्मान की प्राप्ति होती है और कष्टों से मुक्ति मिलती है। इस माह में भगवान शिव, विष्णु और तुलसी जी की पूजा करने से इंसान की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
कार्तिक शुक्ल प्रबोधिनी एकादशी पर तुलसी विवाह किया जाता है। इस माह तुलसी के निकट दीपक जलाने से मनचाहे फल की प्राप्ति होती है। तुलसी विवाह के दिन तुलसी के पौधे को सजा कर भगवान शालिग्राम के पूजन के साथ उनका विवाह संपन्न किया जाता है। ऐसी लड़कियां जिनका विवाह नहीं हो पा रहा हो या फिर वह उपयुक्त वर की तलाश में हों तो वह तुलसी जी का विवाह करवा सकती हैं।
क्यों होती है कार्तिक में तुलसी की पूजा
कार्तिक माह की अमावस्या को तुलसी जी की जन्म तिथि माना गया है। पद्मपुराण में तुलसी के जन्म की एक कथा इस प्रकार बताई गई है- तुलसी पूर्व जन्म में वृंदा थीं और जालंधर राक्षस की पत्नी थीं। उसके अत्याचारों की वजह से भगवान विष्णु ने जालंधर का वध किया था। इससे दुखी वृंदा को भगवान विष्णु ने वरदान दिया था कि वह उनकी प्रिया बनेंगी। अपने सतीत्व और पतिव्रता धर्म के कारण ही तुलसी विष्णुप्रिया बनती हैं और श्रीहरि की पूजा में उनको विशेष स्थान दिया जाता है।
घर की सुख-शांति के लिये तुलसी के समाने जलाएं घी का दीया
कार्तिक मास में तुलसी जी के सामने रोज शाम को घी का दीपक जलाने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। यही नहीं ऐसा करने से घर की सुख-समृद्धि बनी रहती है। यदि घर पर कोई लंबे समय से बीमार है तो उसका भी स्वास्थ्य ठीक हो जाता है। दुख दूर होता है और अर्थ, काम और मोक्ष की भी प्राप्ति होती है।
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