कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को हर साल करवा चौथ मनाया जाता है। सुहागिन महिाएं इस दिन अपने पति की लंबी आयु के लिए सारा दिन निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को चांद के दर्शन कर उसे अर्घ्य देकर कुछ ग्रहण करती हैं। करवा चौथ पर न केवल सुहागिन महिलाएं बल्कि अच्छे पति की तालाश करने वाली कुंवारी लड़की भी यह व्रत पूरी श्रद्धा के साथ रखती है।
करवा चौथ का निर्जला व्रत शुरू करने से पहले तड़के सुबह हल्की सरगी खायी जाती है और फिर पूरे दिन कुछ भी खाया पीया नहीं जाता है। सुहागिनें इस दिन लाल, नारंगी, हरी या पीली साड़ी पहनें। पति की लंबी उम्र की कामना के साथ सोलह श्रृंगार करें। इस बार करवा चौथ पर पूजा का क्या समय रहेगा साथ ही किस शहर में चांद कितनी बजे निकलेगा, जानें यहां...
करवा चौथ व्रत या उपवास का समय: सुबह 6:27 से रात 8:16 बजे तक
करवा चौथ के दिन चंद्रोदय का समय: रात 8:16 बजे
किस शहर में कितनी बजे दिखाई देगा चांद
शहर चंद्र उदय का समय
करवा चौथ व्रत की विधि
इस खास दिन सुहागिन स्त्रियां पूरे दिन निराजल व्रत रखकर अपनी श्रद्धा अनुसार भजन कीर्तन करती हैं और यह व्रत अपनी अपनी विधि से करती हैं। सायंकाल मंदिर जाती हैं। चंद्रमा को देखकर उसको अर्ध्य देकर चलनी से पति तथा चांद को निहारकर पूजा करती हैं और फिर पति का चरण स्पर्श करके व्रत पूर्ण करती हैं।
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