नई दिल्ली. 14 जनवरी को मकर संक्राति का पर्व है। इसे उत्तरायण भी कहा जाता है। हिंदू धर्म में मकर सक्रांति का एक विशेष महत्व है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। साल 2021 की मकर सक्रांति में अद्धभुत संयोग बन रहा है।
साल 2021 की मकर संक्रांति पर मकर राशि में पांच ग्रह एक साथ विराजमान होगा। ये ग्रह हैं- सूर्य, शनि, बृहस्पति, बुध। इसके अलाव चंद्रमा गोचर रहेगा। इससे पांच ग्रहों का संयोग बनेगा।
मकर संक्रांति का पर्व इस साल बृहस्पतिवार को पड़ रहा है। इस दिन देव गुरु बृहस्पति मकर राशि में ही विराजमान रहेंगे। इस कारण से एक विशेष संयोग के तौर भी देखा जा रहा है।
ये होगा पुण्यकाल
मकर सक्रांति का पुण्य काल 14 जनवरी को सुबह 8 बजकर 20 मिनट से शुरू करेगा। इसी वक्त सूर्य देवता धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। ये पुण्यकाल सूर्यास्त काल तक रहेगा।
मकर सक्रांति के दिन पवित्र नदी में स्नान करें। आप गंगाजल की कुछ बूंदे मिलाकर घर पर भी स्नान कर सकते हैं। दान पुण्य करें। तिल व गुड़ का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। यही नहीं, इसका दान अनंत गुणा फलदायी है।
तिल का है विशेष महत्व
मकर सक्रांति के दिन तिल का दान करने से सूर्य और शनि दोनों ही प्रसन्न होते हैं, क्योंकि तिल उनकी प्रिय वस्तु है। मकर संक्रांति के दिन तिल का दान करने से राहु और शनि दोष दूर होते।
मान्यता है कि तिल की उत्पत्ति भगवान विष्णु के शरीर से हुई थी इसलिए इस दिन तिल का महत्व और भी बढ़ जाता है। सूर्य भगवान के साथ ही मकर संक्रांति पर भगवान विष्णु की पूजा भी होती है।
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