Chhath Puja 2019 : जरूर दें अस्‍त होते सूर्य को अर्घ्‍य, जानें किन लोगों को कैसे देना चाह‍िए क‍िस रंग का जल

व्रत-त्‍यौहार
Updated Nov 01, 2019 | 15:31 IST | Ritu Singh

सूर्य देव की पूजा का महापर्व है छठ। चार दिवसीय इस पर्व पर अस्तगामी सूर्य को अर्घ्य देने से न केवल मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं बल्कि जीवन के कई कष्ट भी दूर हो जाते हैं।

offer water to setting sun during chhath puja
अस्‍त होते सूर्य को क्‍यों द‍िया जाता है जल  |  तस्वीर साभार: Getty Images

उगते हुए सूर्य को जल तो हर कोई देता है और सूर्य देव की इस उपासना के बहुत पुण्य लाभ मिलते हैं, लेकिन डूबते हुए सूर्य को जल केवल छठ महापर्व में ही दिया जाता है। इस कारण इसका महत्व समझा जा सकता है कि आखिर ऐसा केवल छठ में ही क्यों होता है। अस्तगामी सूर्य को जल देने का केवल धार्मिक ही नहीं वैज्ञानिक तर्क भी इसके साथ जुड़ा है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को ढलते हुए सूर्य को अर्घ्य देने का समय केवल शाम ही नहीं होता बल्कि इस तीन पहर सूर्य को जल दिया जाता है।

तीनों पहर अर्घ्य देने का अलग-अलग लाभ और पुण्य मिलता है। वहीं डूबते सूर्य को जल देने से क्या मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इतना ही नहीं जल का रंग भी मनोकामनाओं को पूरा करने का बल देता है। तो आइए जानें ये पूरी बातें विस्तार से।

इन लोगों को अस्त होते सूर्य को जरूर अर्घ्य देना चाहिए

  • जो अकारण ही किसी मुकदमेबाजी में फंस गए हों।
  • जिन लोगों का काम सरकारी विभागों में बेवजह ही अटका पड़ा हो।
  • जो लोग रोगी हों अथवा आए दिन बीमार रहते हों।
  • जिन लोगों की आंखों की रोशनी कमजोर हो।
  • जिन लोगों को उदर यानी पेट से जुड़ी समस्या हो।
  • वे विद्यार्थी जो तमाम प्रयास के बाद भी परीक्षा में सफल नहीं हो पा रहे हों।

जल का रंग भी डालता है छठ की पूजा पर असर

  • सफलता पाने के लिए छात्र : शिक्षा और एकाग्रता पाने के लिए सूर्यदेव को नीले या हरे रंग वाले जल का अर्घ्य दें। जल में ये रंग मिला कर उसमें अक्षत और चंदन, लाल फूल डाल कर अर्घ्य दें। तांबे का लोटे का ही प्रयोग करें।
  • निरोगी काया के लिए : सेहत और ऊर्जावान बनने के लिए तांबे के लोटे में रोली और लाल पुष्प और अक्षत मिले जल से सूर्य भगवान को अर्घ्य दें।
  • राजकीय सेवा की प्राप्ति के लिए : राजकीय सेवा की प्राप्ति के लिए सूर्य देव को तांबे के लोटे से जल दें और उस जल में लाल चंदन और लाल पुष्प जरूर शामिल करें।
  • शीघ्र विवाह और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए : विवाह में आ रही अड़चन को दूर करने के साथ जल्दी विवाह के लिए सूर्य देव को हल्दी मिले जल से अर्घ्य दें।
  • जीवन की हर दिशा में लाभ के लिए : जीवन में हर ओर यदि असफलता मिल रही हो तो आप सूर्य भगवान को सादे जल से अर्घ्य दें।
  • पितर शांति और बाधा के निवारण के लिए : सूर्य भगवान को तांबे के लोटे से जल दें और इसमें तिल और अक्षत मिलाकर अर्घ्य दें।

ढलते हुए सूर्य को अर्घ्य देने से आपकी कई कामनाएं पूरी हो सकती हैं। याद रखें साथ में उगते सूर्य को भी जल जरूर देना होगा।

जानें ये महत्‍व भी 
अस्तांचल और उदित सूर्य दोनों की पूजा छठ में होती है। उदित सूर्य एक नए सवेरा का प्रतीक है। अस्त होता हुआ सूर्य केवल विश्राम का प्रतीक है इसलिए छठ पूजा के पहले दिन अस्त होते हुए सूर्य को पहला अर्घ्य देते हैं। अस्त होता हुआ सूर्य भी पूज्यनीय है। केवल छठ के समय ही अस्त सूर्य की पूजा होती है। प्रायः लोग प्रातः उठकर उदित सूर्य को जल चढ़ाते हैं। नदी के तट पर अस्त सूर्य को प्रणाम करना यह प्रदर्शित करता है कि कल फिर से सुबह होगी और नया दिन आएगा।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

अगली खबर