नई दिल्ली: विश्व फुटबाल की संचालन संस्था फीफा ने खेल मंत्रालय को सूचित किया है कि वह अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) के चुनावों के लिए निर्वाचक मंडल में अलग-अलग सदस्यों को शामिल करने के अपने विरोध पर कायम है। सूत्रों के अनुसार फीफा की मांगों और भारतीय फुटबॉल में चल रहे विवाद पर प्रशासकों की समिति (सीओए) को सोमवार को मंत्रालय से एक पत्र मिला।
एक सूत्र ने कहा, ‘‘पत्र में केंद्रीय खेल मंत्रालय ने मंत्रालय के साथ बैठक के दौरान फीफा द्वारा दिए गए सुझावों के बारे में बताया है।’’ फीफा चाहता है कि निर्वाचक मंडल के सदस्य राज्य संघों और अन्य संस्थाओं से आएं। मंत्रालय की ओर से यह पत्र सीओए द्वारा फीफा की शर्तों और उस पर मंत्रालय के रुख के आधार पर ठोस सलाह मांगने के एक दिन बाद मिला है।
\मंत्रालय के एक अधिकारी ने विस्तार से जानकारी दिए बिना कहा, ‘‘ हमने सीओए को लिखित जवाब में एआईएफएफ पर अपना पक्ष रखा है जिसे अगली सुनवाई में अदालत के समक्ष रखा जाएगा।’’ इसे उच्चतम न्यायालय के समक्ष 17 अगस्त को पेश किया जाएगा। यह एआईएफएफ अध्यक्ष पद के लिए नामांकन का अंतिम दिन है। प्रफुल्ल पटेल को उच्चतम न्यायालय द्वारा बर्खास्त किए जाने के बाद यह पद खाली पड़ा है।
फीफा ने हालांकि इससे पहले एआईएफएफ को भेजे गये एक पत्र में कहा था कि निर्वाचक मंडल में राज्य संघों के प्रतिनिधियों और पूर्व खिलाड़ियों की बराबर संख्या ‘समझदारी नहीं’ है, हालांकि उसने संविधान मसौदे के 50 प्रतिशत के बजाय कार्यकारी समिति में 25 प्रतिशत खिलाड़ियों के प्रतिनिधित्व पर सहमति दी थी। एआईएफएफ की कार्यकारी समिति के चुनाव 28 अगस्त को होंगे तथा निर्वाचन अधिकारी के अधिसूचना जारी करने के बाद चुनाव प्रक्रिया शुरू हो गई है। नामांकन पत्र 17 से 19 अगस्त तक भरे जा सकते हैं।
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